


1 घंटे पहले
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विक्रम भट्ट ने महेश और मुकेश भट्ट की अनबन पर बात की है। उन्होंने बताया है कि लंबे समय तक मुकेश ने भट्ट साहब (महेश भट्ट) पर अत्याचार किया था। यही वजह थी कि महेश ने विक्रम को कुछ साल बाद प्रोडक्शन हाउस विशेष फिल्म्स से अलग कर दिया था। वो नहीं चाहते थे कि मुकेश उनकी तरह विक्रम पर भी अत्याचार करें।
विक्रम का महेश और मुकेश के साथ कोई पारिवारिक रिश्ता नहीं है। उन्होंने महेश और मुकेश भट्ट द्वारा को-प्रोड्यूस की गई सक्सेसफुल फ्रेंचाइजी राज का डायरेक्शन किया है।

एक फ्रेम में मुकेश और महेश भट्ट।
जाने क्यों महेश ने विक्रम को प्रोडक्शन हाउस से अलग किया था?
इसके बारे में बात करते हुए, विक्रम ने सिद्धार्थ कानन दिए इंटरव्यू में कहा, ‘भट्ट साहब (महेश भट्ट) ने मुझे एक मोर की पेंटिंग गिफ्ट की थी। पेंटिंग में मोर को रेगिस्तान में उड़ता हुआ दिखाया गया था। भट्ट साहब ने मुझसे कहा- ये मोर तुम्हारे जैसा है। इसके बाद से पेंटिंग मेरे हर ऑफिस में रही। एक दिन मैं भट्ट साहब से बात कर रहा था, फिर टॉयलेट चला गया। वापस आने के बाद मैंने देखा कि मेरा ड्राइवर कार में पेंटिंग रख रहा था।
तब मैंने भट्ट साहब से इसका कारण पूछा, तो उन्होंने कहा- आप कंपनी से बाहर निकल जाइए।
फिर मेरे पूछे जाने पर उन्होंने कहा- सालों तक मेरे भाई (मुकेश भट्ट) ने मुझ पर अत्याचार किया। मैं नहीं चाहता हूं कि वो आप पर ही अत्याचार करें। आप जाओ और अपने आप कुछ करो।
विक्रम ने आगे कहा कि महेश की बात को उन्होंने मान ली और प्रोडक्शन हाउस विशेष फिल्म्स से दूरी बना ली। उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना से पहले ही मुकेश के साथ उनका रिश्ता बिगड़ चुका था। सिर्फ सच्चाई की वजह से वो भट्ट साहब के साथ थे।

महेश भट्ट की फैमिली के साथ विक्रम भट्ट।
विक्रम बोले- मैंने खुद ईगो में महेश से बिगाड़ा था रिश्ता
विक्रम ने आगे महेश भट्ट के साथ खुद की अनबन पर भी बात की। उन्होंने बताया कि एक गलतफहमी की वजह से दोनों में दूरी आ गई थी। इसके लिए उन्होंने खुद को ही कसूरवार ठहराया था। उन्होंने कहा- मुझे लगता है कि उस गलतफहमी में मेरी गलती थी। मुझे एक बार उनसे जरूर पूछना था कि उन्होंने वो सारी बातें कही हैं या नहीं, जिस वजह से गलतफहमी हुई। लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। मैं ईगो में था और यही मेरी गलती थी। अगर मैं उन्हें अपना गुरु मानता था, तो मुझे उनका सम्मान करना चाहिए था।
जब मैं 5-6 साल बाद उनके पास वापस गया, तो मैंने उनसे कहा- बॉस, मैं यहां फिल्म के डायरेक्शन के लिए नहीं आया हूं। मैं यहां अपनी गलती के लिए माफी मांगने आया हूं। आप मुझसे जो कहेंगे मैं भी वही करूंगा। अगर आप कहते हैं कि कोई फिल्म एडिट करो या मेरी कार चलाओ, तो मैं सब कुछ करने को तैयार हूं।
ये सुन भट्ट साहब भावुक हो गए थे और कहा था- आप डायरेक्टर हैं, कार क्यों चलाएंगे। इसके बाद उन्होंने मुझे राज 3 के डायरेक्शन का काम दिया।
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