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लखनऊ9 मिनट पहलेलेखक: अनुराग गुप्ता
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3 लड़के…किसी के पिता घर चलाने के लिए स्कूटर रिपेयरिंग करते हैं, तो कोई बेटे को हॉकी प्लेयर बनाने के लिए ड्राइवर बन गया। किसी के घर में पैसे नहीं थे इसलिए बांस की लकड़ी से हॉकी सिखाई, तो किसी ने धान बेचकर बेटे को प्रोफेशनल हॉकी प्लेयर बनाया।…ये कहानियां उन युवा खिलाड़ियों की हैं, जो 5 दिसंबर को मलेशिया में जूनियर हॉकी वर्ल्डकप खेलेंगे।
भारतीय टीम के 18 खिलाड़ियों में उत्तर प्रदेश के कुल 7
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