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12 जनवरी को अमेरिका-ब्रिटेन ने यमन में हूतियों के ठिकानोें को निशाना बनाया।
अमेरिका ने लगातार दूसरे दिन शनिवार को भी यमन में हूतियों पर हमला किया है। इस दौरान उनकी रडार फैसेलिटी को निशाना बनाया गया। अमेरिका के वॉरशिप USS कार्नी ने यमन के समय के मुताबिक, सुबह करीब 3:45 बजे टॉमहॉक मिसाइल से अटैक किया। हूतियों के मीडिया हाउस अल-मसीराह ने कहा है कि अमेरिका ने यमन की राजधानी सना में कई एयरस्ट्राइक्स की हैं।
BBC के मुताबिक, अमेरिका ने कहा है कि यह रडार साइट लाल सागर में जहाजों के लिए खतरा थी। यह हमला 12 जनवरी के स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन का फॉलो-अप था। इसका मकसद समुद्र में हूतियों के हमला करने की क्षमता को कम करना है।
इससे पहले शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए व्हाइट हाउस प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा था- हम जो भी कर रहे हैं, उसका मकसद तनाव बढ़ाना नहीं, बल्कि इसे कम करना है। दूसरी तरफ, अमेरिका के हमले का विरोध के लिए सना में लाखों लोगों ने प्रदर्शन किया।

फुटेज यमन की राजधानी सना की है, जहां अमेरिका के हमलों के खिलाफ लाखों लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

फुटेज ईरान की राजधानी तहरान का है। यहां लोगों ने गाजा और यमन का सपोर्ट करने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और इजराइल के झंडे जलाए।
अमेरिका बोला- हूतियों ने 60 दिन में लाल सागर में 28 बार जहाजों पर हमला किया
अमेरिका के सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने हमले की पुष्टि की। हालांकि, इस दौरान हुए नुकसान को लेकर फिलहाल जानकारी सामने नहीं आई है। सेंट्रल कमांड ने कहा- 19 नवंबर 2023 के बाद से हूती विद्रोहियों ने 28 बार लाल सागर और अदन की खाड़ी में जहाजों पर हमला करने और उन्हें परेशान करने की कोशिश की है। इस दौरान बैलिस्टिक मिसाइलों और क्रूज मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया गया है।
अमेरिका ने कहा कि इस हमले का ऑपरेशन प्रॉसपेरेटी गार्जियन से कोई लेना देना हीं है। दरअसल, लाल सागर और अदन की खाड़ी में लगातार हो रहे हमलों के बीच अमेरिका समेत 20 देशों ने मिलकर हमलों को रोकने और मर्चेंट वेसेल की रक्षा के लिए यह गठबंधन बनाया था।
सैटेलाइट तस्वीर में हूतियों की रडार साइट पर हमले का असर देखिए…

क्रेडिट- मैक्सार टेक्नोलॉजी
हमले के पहले दिन दागी थीं 150 मिसाइलें-बम
इससे पहले शुक्रवार को अमेरिका और ब्रिटेन ने मिलकर यमन में हूतियों के कब्जे वाले इलाकों पर हमले किए थे। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इस दौरान 30 लोकेशन्स पर 60 टारगेट्स बनाए गए थे। हमले के लिए 150 मिसाइलों और बमों का इस्तेमाल किया गया था।
2016 के बाद यह यमन में हूतियों पर किया गया अमेरिका का पहला हमला था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस हमले का आदेश दिया था। बाइडेन ने कहा था- यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ ये एक्शन हाल के दिनों में लाल सागर में जहाजों पर हुए हमलों का बदला है। हूतियों के हमलों के चलते लाल सागर से गुजरने वाले 2 हजार जहाजों को अपना रास्ता बदलना पड़ा।
बाइडेन बोले- शिपिंग रूट बचाने के लिए कड़े कदम उठाते रहेंगे
उन्होंने कहा था कि अपने लोगों और शिपिंग रूट को बचाने के लिए वो और कड़े आदेश देने से पीछे नहीं हटेंगे। हालांकि, हूतियों ने अमेरिकी अटैक के बाद कहा था कि वो लाल सागर में अपने हमले जारी रखेंगे।
दरअसल, इस समुद्री रास्ते से दुनिया के शिपिंग यातायात की लगभग 15% आवाजाही होती है। हूतियों के हमलों से यूरोप और एशिया के बीच मुख्य मार्ग पर अंतरराष्ट्रीय व्यापार को समस्याओं का सामना करना पड़ा है।

फुटेज 12 जनवरी को यमन में हमले करने जा रहे RAF टायफून एयरक्राफ्ट की है।
लंबी दूर पर हमले के लिए बनी है टॉमहॉक मिसाइल
टॉमहॉक्स जमीन पर हमला करने वाली क्रूज मिसाइलें हैं, जिन्हें आसानी से उड़ने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है। ये लंबी दूरी पर हमला करने में सक्षम हैं। इसका इस्तेमाल अमेरिकी नौसेना और रॉयल नेवी के जहाज सबमरीन बेस्ड जमीनी हमलों के लिए करती है।
यूएस नेवल एयर सिस्टम्स कमांड के मुताबिक, इन मिसाइलों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये बेहद कम ऊंचाई पर रहते हुए हाई सबसोनिक स्पीड पर उड़ान भर सकती हैं। 1991 में खाड़ी युद्ध के दौरान अमेरिका ने पहली बार इस मिसाइल का इस्तेमाल किया था।
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अमेरिका और ब्रिटेन की सेना ने गुरुवार को यमन में हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले इलाकों पर हमले कर दिए हैं। BBC ने अमेरिकी एयरफोर्स के हवाले से बताया है कि हमले 16 लोकेशन्स में 60 टारगेट्स पर किए गए हैं। पूरी खबर पढ़ें…
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