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कोलंबो सेे भास्कर संवाददाता रविंद्र कुरुविता57 मिनट पहले
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यूक्रेन की महिला जंग के चलते अपने बच्चों के साथ देश छोड़ते हुए (फाइल फोटो)
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते 45 लाख से ज्यादा यूक्रेनी लोगों को देश छोड़ना पड़ा था। लेकिन दो साल बाद दुनियाभर में बसे यूक्रेनी विस्थापितों को लेकर तनाव के मामले सामने आने लगे हैं। जर्मनी, पोलैंड और ब्रिटेन से लेकर श्रीलंका में यूक्रेनियों का विरोध शुरू हो गया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते श्रीलंका ने यूक्रेनी और रूसी लोगों को वीसा एक्सटेंशन की सुविधा दी थी। अब खुलासा हुआ है कि 40 हजार यूक्रेनी और रूसी अवैध कारोबार चला रहे हैं। श्रीलंका के श्रम मंत्री मानुषा नानायक्कारा ने बताया कि सरकार अवैध प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई कर रही है।
यूरोप में यूक्रेनी शरणार्थियों को लेकर तनाव
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते 45 लाख से ज्यादा यूक्रेनी लोगों को देश छोड़ना पड़ा था। लेकिन दो साल बाद दुनियाभर में बसे यूक्रेनी विस्थापितों को लेकर तनाव के मामले सामने आने लगे हैं। जर्मनी, पोलैंड और ब्रिटेन से लेकर श्रीलंका में यूक्रेनियों का विरोध शुरू हो गया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते श्रीलंका ने यूक्रेनी और रूसी लोगों को वीसा एक्सटेंशन की सुविधा दी थी। अब खुलासा हुआ है कि 40 हजार यूक्रेनी और रूसी अवैध कारोबार चला रहे हैं। श्रीलंका के श्रम मंत्री मानुषा नानायक्कारा ने बताया कि सरकार अवैध प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई कर रही है।

जर्मनी में 50 हजार रु. की मदद का विरोध
10 लाख यूक्रेनी शरणार्थियों की मदद के लिए जर्मनी 2024 में 54 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगा। यहां हर रिफ्यूजी को प्रति माह 50 हजार रुपए मिलते हैं। आलोचकों का कहना है कि सरकार विस्थापितों को भारी रकम दे रही है, जिससे वे काम करना ही नहीं चाहते हैं।
ब्रिटेन में 2.5 लाख रिफ्यूजी, आधे बेरोजगार
ब्रिटेन में 2.5 लाख से ज्यादा यूक्रेनी शरणार्थी रहते हैं, इनमें से 50% लोगों के पास कोई काम नहीं है। ब्रिटेन में पिछले साल 12 लाख से ज्यादा लोग बाहर से पहुंचे हैं। ब्रिटेन में भी यूक्रेनी शरणार्थियों को मिलने वाली सुविधाओं में कटौती की मांग जोर पकड़ रही है।

यूक्रेनी लोगों को शरण देने में पोलैंड पहले नंबर पर
यूक्रेनी लोगों को शरण देने में पोलैंड पहले नंबर पर है, लेकिन सबसे ज्यादा विरोध भी पोलैंड में ही हो रहा है। पोलैंड सरकार ने 15 लाख यूक्रेनी शरणार्थियों को मिलने वाली मदद में कटौती करने का फैसला किया है। पोलैंड में बसे 65% यूक्रेनी वापस नहीं जाना चाहते हैं।
यूक्रेन पर रूस के हमले से पहले हर माह पोलैंड में 200 यूक्रेनी बिजनेस यूनिट रजिस्टर्ड कराते थे। जो 2023 में प्रति माह 3000 पहुंच गई। यूक्रेनी कारोबारियों की संख्या लगातार बढ़ने से पोलैंड के स्थानीय कारोबारियों में भारी नाराजगी है।
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