



इस्लामाबाद4 घंटे पहले
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ईरान के फॉरेन मिनिस्टर आमिर अब्दुल्लाहोनियान ने कहा था कि अगर उनके देश पर आतंकी हमले हुए तो इसका माकूल जवाब दिया जाएगा। (फाइल)
पाकिस्तान और ईरान के बीच पिछले हफ्ते से जारी तनाव खत्म होता जा रहा है। 16-17 जनवरी की दरमियानी रात ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकी संगठन जैश अल अदल के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। इसका जवाब पाकिस्तान ने 18 जनवरी को दिया।
इसके एक दिन पहले पाकिस्तान ने तेहरान से अपने एंबेसडर को बुला लिया था और ईरानी एंबेसडर को देश छोड़ने के लिए कहा था। अब दोनों देश एक-दूसरे के यहां अपने एंबेसडर फिर तैनात करने पर सहम हो गए हैं। ईरानी विदेश मंत्री 29 जनवरी को पाकिस्तान आ रहे हैं।

पाकिस्तान की फॉरेन मिनिस्ट्री ने बयान जारी किया
- सोमवार शाम पाकिस्तान की फॉरेन मिनिस्ट्री की तरफ से बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया- ईरान और पाकिस्तान इस बात पर सहमत हो गए हैं कि हम फिर से हाईलेवल डिप्लोमैटिक रिलेशन बहाल करें। हमारे राजदूत तेहरान जा रहे हैं और ईरान के एंबेसडर इस्लामाबाद में कामकाज संभाल चुके हैं।
- पाकिस्तान के केयरटेकर फॉरेन मिनिस्टर जलील अब्बास जिलानी ने ईरान के फॉरेन मिनिस्टर आमिर अब्दुल्लाहोनियान को पाकिस्तान आने का इनविटेशन दिया था। इसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। आमिर 29 जनवरी को पाकिस्तान आ रहे हैं।
- जिलानी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा- बहुत खुशी की बात है कि दोनों देशों की लीडरशिप ने अचानक सामने आए चैलेंज का मजबूती और काबिलियत के साथ मुकाबला किया। अब हमारे रिश्ते फिर सही रास्ते पर आ गए हैं। दोनों देश मिलकर विकास के रास्ते खोजेंगे।

ईरान के विदेश मंत्री आमिर अब्दुल्लाहोनियान 29 जनवरी को पाकिस्तान आ रहे हैं। (फाइल)
पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक
- 16 और 17 जनवरी 2024 की दरमियानी रात पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद दोनों देशों में टकराव बढ़ गया था। ईरान ने कहा था कि उसने पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश अल अदल पर हमला किया था।
- ईरान कहा था कि यह हमला आतंकी संगठन पर किया गया था। पाकिस्तान का कोई भी नागरिक इसमें घायल नहीं हुआ। जवाब में पाकिस्तान ने कहा था- किसी भी देश को इस तरह जोखिम वाले रास्ते पर नहीं चलना चाहिए।
- इसके बाद पाकिस्तान एयरफोर्स ने 24 घंटे में ईरान पर हवाई हमले किए। पाकिस्तान ने ईरान में चलाए ऑपरेशन को ‘मार्ग बार सरमाचर’ नाम दिया। पाकिस्तान के सिक्योरिटी ऑफियशियल ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि पाक एयरफोर्स ने बलूच अलगाववादियों के 7 ठिकानों को निशाना बनाया। एयरस्ट्राइक ईरान की सीमा में 48 किलोमीटर अंदर घुसकर की गईं। इसके लिए फाइटर जेट्स और ड्रोन्स का इस्तेमाल किया।

पाकिस्तान पर हमले की वजह
- ईरान एक शिया बहुल देश है, जबकि पाकिस्तान में करीब 95% लोग सुन्नी हैं। पाकिस्तान के सुन्नी संगठन ईरान का विरोध करते रहे हैं। इसके अलावा बलूचिस्तान का जैश अल अदल आतंकी संगठन ईरान की सीमा में घुसकर कई बार वहां की सेना पर हमले करता रहा है। ईरान की सेना को रिवॉल्यूशनरी गार्ड कहा जाता है।
- ईरान सरकार कई बार पाकिस्तान को आतंकी संगठनों पर लगाम लगाने की वॉर्निंग दे चुकी है। 2015 में पाकिस्तान और ईरान के रिश्ते बेहद खराब हो गए थे। तब ईरान के आठ सैनिक पाकिस्तान से ईरानी क्षेत्र में घुसे सुन्नी आतंकवादियों के साथ संघर्ष में मारे गए। यह आतंकी भी जैश अल अदल के थे।
- तब ईरान सरकार ने कहा था- हमारी सीमा पर तैनात सैनिकों का पाकिस्तान से घुसे आतंकवादियों के साथ संघर्ष हुआ। हमारे आठ सैनिक शहीद हो गए। हम इस मामले में जवाबी कार्रवाई जरूर करेंगे। इसके बाद दोनों देशों में टकराव काफी बढ़ गया था।
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