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- Pakistan Presidential Election; Asif Ali Zardari | Nawaz Bilawal Vs Imran Khan Party Candidate
इस्लामाबाद2 मिनट पहले
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पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए वोट डालने से पहले समर्थकों का अभिवादन करते जरदारी।
पाकिस्तान में आज राष्ट्रपति पद के चुनाव हो रहे हैं। नवाज की पार्टी PML-N और बिलावल की पार्टी PPP ने मिलकर आसिफ अली जरदारी को उम्मीदवार बनाया है। वे साल 2008 में भी राष्ट्रपति वहीं इमरान समर्थक SIC पार्टी ने महमूद खान अचकजई को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया है।
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 336 सीटें हैं जबकि सीनेट में कुल 100 सीटें हैं। वहीं चारों प्रांतों में 749 सीटें हैं, यानी राष्ट्रपति चुनाव में कुल 1185 सांसद वोट करेंगे। चुनाव से पहले ही पाकिस्तान में आसिफ अली जरदारी का राष्ट्रपति बनना तय माना जा रहा है।

राष्ट्रपति चुनाव के लिए नेशनल असेंबली में वोट डालते PPP चेयरमैन बिलावल भुट्टो। (क्रेडिट- PTV)
जरदारी का राष्ट्रपति बनना तय क्यों
जरदारी के पास उनकी अपनी पार्टी PPP के अलावा नेशनल असेंबली की सबसे बड़ी पार्टी PML-N, MQM-P, BAP, IPP जैसी कई पार्टियों का समर्थन है। वहीं मौलाना फजल-उर-रहमान की JUI-F पार्टी आम चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए संसद से जुड़े सभी इलेक्शन बॉयकॉट कर रही है।
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री की तरह ही राष्ट्रपति बनने के लिए उम्मीदवार का मुस्लिम होना जरूरी होता है। चुनाव के लिए वोटिंग सुबह 10:30 बजे शुरू हुई थी, जो शाम 4:30 तक चलेगी। राष्ट्रपति पद के चुनावों के लिए सीक्रेट बैलट से होती है।
इसके बाद शाम तक नतीजे आने की उम्मीद है। पाकिस्तानी मीडिया द डॉन के मुताबिक, रविवार को नए राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इससे पहले शुक्रवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ पद से फेयरवेल दिया गया था।

तस्वीर राष्ट्रपति पद के लिए इमरान समर्थक उम्मीदवार महमूद खान अचकजई की है। (फाइल)
पाकिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव का फॉर्मुला
पाकिस्तान में सीनेट, नेशनल असेंबली और बलूचिस्तान असेंबली के हर सदस्य के वोट को एक वोट माना जाता है। लेकिन बाकी 3 प्रांतीय असेंबली में ऐसा नहीं है। दरअसल, बलूचिस्तान प्रांत में सिर्फ 65 सीटें हैं। इसकी वजह से पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और सिंध में सांसदों की वोटों की वैल्यू कम हो जाती है।
उदाहरण के लिए पंजाब असेंबली में कुल 371 सीटें हैं। इन्हें बलूचिस्तान की कुल सीटों (65) से डिवाइड करके 6 नतीजा आता है। यानी पंजाब असेंबली में 6 सांसदों के वोटों को मिलाकर 1 वोट माना जाएगा। इसी तरह सिंध में 3 सांसदों के वोट को 1 वोट माना जाएगा। वहीं खैबर पख्तूनख्वा में 2 सांसदों के वोट को 1 वोट माना जाएगा।
राष्ट्रपति चुनाव में कुल 696 वोट होते हैं। द डॉन के मुताबिक, आसिफ अली जरदारी को करीब 400 वोट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं अचकजई के लिए 200 वोटों का आंकड़ा पार करना भी मुश्किल लग रहा है।

तस्वीर साल 2008 की है, जब आसिफ अली जरदारी ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी।
कौन हैं PPP और PML-N समर्थक उम्मीदवार आसिफ अली जरदारी?
आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हैं। वो देश की पहली महिला प्रधानमंत्री रहीं बेनजीर भुट्टों के पति और PPP चेयरमैन बिलावल भुट्टो के पिता हैं। जरदारी को पाकिस्तान में मिस्टर 10% कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वे बेनजीर की सरकार के दौरान किसी भी प्रोजेक्ट की शुरुआत या सरकार से लोन की इजाजत दिलवाने के बदलने 10% के कमीशन की मांग करते थे।
भ्रष्टाचार, बैंक फ्रॉड, किडनैपिंग और हत्या के आरोपों में जरदारी ने करीब साढ़े 8 साल जेल की सजा काटी। बेनजीर ने अपनी राजनीतिक वसीयत में जरदारी को पार्टी नेता के रूप में अपना उत्तराधिकारी नामित किया था।
2007 में भुट्टो की हत्या के बाद नवाज की पार्टी PML-N के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, और जनरल परवेज मुशर्रफ को सत्ता से बेदखल कर दिया था। इसके बाद 6 सितंबर 2008 को जरदारी पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने थे।
कौन हैं PTI समर्थक SIC पार्टी के उम्मीदवार महमूद खान अचकजई
76 साल के महमूद खान अचकजई पाकिस्तान में पश्तून नेता और पश्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी (PKMAP) के चेयरमैन हैं। पिता अब्दुल समद खान अचकजई की मौत के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा। 1989 में उन्होंने अपनी पार्टी पश्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी का गठन किया था।
वे PML-N के सपोर्ट से पहली बार 1993 में सांसद बने थे। 2013 में उनके सामने केयरटेकर प्रधानमंत्री बनने का प्रस्ताव रखा गया था। हालांकि, अचकजई ने इसे ठुकरा दिया क्यों कि वो 2013 के आम चुनाव लड़ना चाहते थे। 8 फरवरी को हुए संसदीय चुनाव में अचकजई ने बलूचिस्तान के किला अब्दुल्ला-सह-चमन में NA-266 सीट से जीत हासिल की।
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तारीख- 18 दिसंबर 1987। पाकिस्तान में बेनजीर भुट्टो और आसिफ अली जरदारी का निकाह हुआ। इस रिश्ते को बहुत ही असमान्य माना गया था। दरअसल, बेनजीर भुट्टो की पाक राजनीति में एंट्री के दौरान उनकी मां ने जरदारी को उनके पति के तौर पर चुना था। पूरी खबर पढ़ें…
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