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पाकिस्तान ने दुनिया के तीसरे ताकतवर आर्थिक संगठन BRICS में शामिल होने के लिए आवेदन दिया है। उसने 2024 में BRICS मेंबरशिप हासिल करने के लिए रूस से मदद मिलने की उम्मीद भी जताई है।
रूस में पाकिस्तानी राजदूत मुहम्मद खालिद जमाली ने न्यूज एजेंसी TASS को दिए गए एक इंटरव्यू में इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा- पाकिस्तान ने BRICS मेंबशिप के लिए अप्लाई किया है। हमें उम्मीद है कि रूस इसमें हमारी मदद करेगा।
दरअसल, रूस अगले साल यानी 2024 में BRICS समिट की अध्यक्षता करेगा। ऐसे में पाकिस्तान का मानना है कि रूसी अध्यक्षता में उसे BRICS में एंट्री मिल जाएगी। हालांकि भारत BRICS में पाकिस्तान की घुसपैठ रोकना चाहता है।

भारत कभी नहीं चाहेगा कि पाकिस्तान इस संगठन का हिस्सा बने। इसकी 3 मुख्य वजह हैं…
1. आतंकवाद: पाकिस्तान पर दुनियाभर में आतंकवाद फैलाने के आरोप लगते हैं।
2. भारत के साथ विवाद: कई सारे मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद है। ऐसे में अगर पाकिस्तान BRICS का मेंबर बनता है तो वहां कई अहम फैसले लेने में दोनों देशों में टकराव की स्थिति बनेगी। इससे संगठन की साख पर असर पड़ेगा।
3. राजनीतिक साख: कोई भी संगठन विस्तार करेगा तो वो ऐसे देशों को शामिल करना चाहेगा जिसकी दुनिया में राजनीतिक साख हो। न कि कोई ऐसा देश, जो राजनीतिक रूप से अस्थिर हो जिसकी दुनिया में निगेटिव इमेज हो।
पाकिस्तान के पास न तो अर्थव्यवस्था का दम है और न ही राजनीतिक अहमियत का, ऐसे में भारत उसे कभी संगठन का हिस्सा बनाने के लिए राजी नहीं होगा।
पाकिस्तान के BRICS में शामिल होने की 3 वजह…
1. भारत के साथ बराबरी: पाकिस्तान को लगता है कि भारत इस संगठन का सदस्य है और ये दुनिया का ताकतवर संगठन है। ऐसे में पाकिस्तान को इसका सदस्य होना चाहिए।
2. आर्थिक मदद: पाकिस्तान को लगता है कि BRICS संगठन के देश तेजी से विकास कर रहे हैं। ऐसे में अगर पाकिस्तान इसका सदस्य बनता है तो बाकी देश मिलकर पाकिस्तान की मदद करेंगे। चीन BRICS बैंक के जरिए पाकिस्तान को कर्ज दिलवाएगा। इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट सकती है।
3. चीन के साथ मिलकर भारत को साधने की कोशिश: BRICS संगठन में भारत सबसे मजबूत सदस्य देशों में से एक है। यही वजह है कि पाकिस्तान इस संगठन में शामिल होकर चीन के साथ मिलकर भारत को साधने की कोशिश करेगा।

JNU के प्रोफेसर राजन कुमार बताते हैं- BRICS संगठन अभी जिस रूप में है, इसके यहां तक पहुंचने का सफर तीन स्टेज में पूरा हुआ है…
पहली स्टेज – RIC यानी रूस, इंडिया और चीन- 1990 के दशक में ये तीनों देश मिलकर एक संगठन बनाते हैं। इस संगठन का नेतृत्व रूसी नेता येवगेनी प्रिमाकोव ने किया। तीनों देशों के साथ आने का मकसद दुनिया की फॉरेन पॉलिसी में अमेरिका के दबदबे को चुनौती देना था और साथ ही अपने संबंधों को नए सिरे से खड़ा करना था।
दूसरी स्टेज- BRIC यानी ब्राजील, रूस, इंडिया और चीन- 2001 में इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स ने इन चारों देशों को इकोनॉमी के लिहाज से दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था बताया था। इसके बाद 2009 में इन देशों ने साथ आकर संगठन बनाया, जिसे BRIC नाम दिया गया।
तीसरी स्टेज– BRICS यानी ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और साउथ अफ्रीका- 2010 में अफ्रीका महाद्वीप को रिप्रेजेंट करने के लिए साउथ अफ्रीका को इस संगठन का हिस्सा बनाया गया। तब इस संगठन को अपना आखिरी रूप मिला और ये BRICS कहलाया।
आज EU को पछाड़ कर BRICS दुनिया का तीसरा ताकतवर आर्थिक संगठन बन गया है।
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24 अगस्त की शाम, जगह- दक्षिण अफ्रीका की राजधानी जोहान्सबर्ग। दुनिया के तीसरे ताकतवर आर्थिक संगठन BRICS में 6 नए देशों को शामिल करने की घोषणा होती है। इन 6 में से 4 इस्लामिक देश हैं।भारत ने भी इन देशों को BRICS संगठन में शामिल करने की सहमति दी है। पढ़ें पूरी खबर…
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