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ऑस्कर अवॉर्ड रिसीव करते ’20 डेज इन मारियुपोल’ के डायरेक्टर मस्टीस्लाव चेर्नोव
’20 डेज इन मारियुपोल’ को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म का ऑस्कर अवॉर्ड मिला है। फिल्म में रूसी हमले से तबाह हुआ यूक्रेनी शहर मारियूपोल दिखाया गया है। 24 फरवरी 2022 को शुरू हुई रूस-यूक्रेन जंग के एक महीने में यह शहर 90% तबाह हो गया था। फिल्म के कई शॉर्ट्स तब ही रिकॉर्ड किए गए थे।
एसोसिएटेड प्रेस (AP) और PBS फ्रंटलाइन ने मिलकर ये डॉक्यूमेंट्री बनाई। फिल्ममेकर और फोटो-वीडियो जर्नालिस्ट मस्टीस्लाव चेर्नोव इसके डायरेक्ट हैं।
चेर्नोव ने अवॉर्ड लेते हुए कहा- ‘काश यह फिल्म बनाने की जरूरत नहीं पड़ती। काश रूस ने यूक्रेन पर कभी हमला किया ही नहीं होता। मैं चाहता हूं की सीजफायर हो जाए। सभी लोग आजादी से रहें। मारियुपोल के वो लोग जिन्होंने अपनी जान दी है, उन्हें कभी नहीं भुलाया जाएगा। क्योंकि सिनेमा यादें बनाता है और यादें इतिहास बनाती हैं। ग्लोरी टू यूक्रेन।’

यूक्रेन जंग पर बनी डॉक्यूमेंट्री का पोस्टर।
हमले शुरू होने से एक घंटे पहले मरियुपोल पहुंचे थे डायरेक्टर
न्यूज एजेंसी AP के वीडियो जर्नालिस्ट मस्टीस्लाव चेर्नोव जंग शुरू होने से एक घंटा पहले मारियुपोल पहुंचे थे। वो 20 दिन यहां रहे। उन्होंने तबाह हुई इमारतें, रोते-विलखते लोग, बच्चों-महिलाओं की लाशें, अस्पतालों-थिएटरों पर बमबारी और सामुहिक कब्रों को रिकॉर्ड किया। उन्होंने जो रिकॉर्डिंग की वो करीब 30 घंटे की थी। इसमें से शॉर्ट्स काटे गए। डॉक्यूमेंटरी फिल्म तैयार की गई। इसके शुरूआती 40 मिनट में ही रूसी सैनिकों की क्रूरता दिख गई।

मस्टीस्लाव चेर्नोव की यह तस्वीर मारियुपोल में रिपोर्टिंग के दौरान ली गई थी। वो यूक्रेनी नागरिक हैं।
एक महीने में 20 हजार लोग मारे गए थे
यूक्रेन के अधिकारियों का दावा है कि एक महीने में मारियुपोल में रूसी सेना की बमबारी से सड़कों पर ही 20 हजार लोग मारे गए। इसमें महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग शामिल हैं। इन्हें दफन करने रूसी सैनिकों ने 200 सामूहिक कब्रे खोदी थीं। 90% शहर तबाह हो गया था। मारियुपोल का संपर्क भी बाहरी दुनिया से कट गया था। बाद में इस शहर पर रूसी सेना ने कब्जा कर लिया था।
रूस ने थिएटर पर हमला कर 600 लोगों की जान ली थी
रूसी सेना ने मारियुपोल में एक ड्रामा थिएटर पर मिसाइलें दागी थीं। इसके बेसमेंट में 1300 बच्चों-महिलाओं ने शरण ली थी। हमले में 600 लोग मारे गए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस थिएटर पर हमला हुआ उस पर ‘बच्चे’ लिखा था।
दरअसल, जब रूस की सेना मारियुपोल में घुसी तो लोगों ने हवाई हमलों से बचने के लिए थिएटर में शरण ली थी, इनमें कई बच्चे भी शामिल थे। रूस की सेना उस पर हमला न करे इसके लिए दोनों तरफ रूसी भाषा में ‘बच्चे’ लिख दिया गया। फिर भी रूस ने थिएटर पर 16 मार्च 2022 को करीब 10 बजे 500 किलो के दो बम दाग दिए। इस दौरान थिएटर में 1200 के करीब लोग थे। जिनमें से करीब 600 लोगों की जान चली गई थी।

रूस ने मारियुपोल के मैटरनिटी हॉस्पिटल पर हमला किया था। घायल प्रेगनेंट महिला को ले जाते यूक्रेनी सैनिकों की यह फोटो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी।
पुतिन के विरोधी नेवलनी पर बनी डॉक्यूमेंट्री ने 2022 में जीता था ऑस्कर
पिछले साल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के विरोधी अलेक्सी नेवलनी पर बनी डॉक्यूमेंट्री ने ऑस्कर अवॉर्ड जीता था। इस डॉक्यूमेंट्री का नाम ‘नेवलनी’ है। इसे बेस्ट डॉक्यूमेंट्री 2022 का खिताब मिला।
अमेरिकी कंपनी CNN और HBO ने मिलकर ये डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। इसमें साइबेरिया में नेवलनी पर हुए जानलेवा हमले से लेकर उनके रूस जाने और वहां गिरफ्तार होने की कहानी है। डॉक्यूमेंट्री में नेवलनी के रूस में लोकतंत्र लाने और पुतिन के खिलाफ संघर्ष और इस दौरान झेली गई परेशानियों को दिखाया गया है। 2020 में नेवलनी पर जहरीले नर्व एजेंट से हमला हुआ था। माना गया था कि ये रूस की सरकार ने करवाया था।

डॉक्यूमेंटरी और फीचर फिल्मों को कैसे नॉमिनेट किया जाता है…
मानिए एक देश से एक फिल्म भेजी गई। इसमें इंडिपेंडेंट कैटेगरी भी होती है। अकैडमी सभी ब्रांचेज के सदस्यों को इस इन्टरनेशनल फीचर की कैटगरी में वोट करने की अनुमति देता है। सदस्य फिल्में देखकर हर फिल्म को अपना स्कोर देते हैं। इसके जरिए फिल्में पहले शॉर्टलिस्ट की जाती हैं। फाइनल नॉमिनीज के लिए वो सदस्य ही वोट कर सकते हैं, जिन्होंने सभी डॉक्यूमेंट्री या फिल्में देखी हैं। इसके बाद सबसे ज्यादा वोट हासिल करने वाली फिल्मों को अवॉर्ड के लिए चुना जाता है।

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