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Jaishankar Accuses China of Breaching Longstanding Written Agreements at Raisina Roundtable in Tokyo | जापान में जयशंकर बोले- चीन लिखित समझौतों को नहीं मानता: कहा- भारत-चीन बॉर्डर पर 45 साल खूनखराबा नहीं हुआ, गलवान झड़प ने सब बदल दिया

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13 मिनट पहले

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टोक्यो में हुए रायसीना राउंडटेबल के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर। - Dainik Bhaskar

टोक्यो में हुए रायसीना राउंडटेबल के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन पर बॉर्डर पर खूनखराबा और लिखित समझौतों का उल्लंघन करने के आरोप लगाए हैं। जापान की राजधानी टोक्यो में गुरुवार को रायसीना राउंडटेबल में बोलते हुए जयशंकर ने कहा- 1975 से 2020 तक बॉर्डर पर शांति थी। 2020 (गलवान झड़प) में सब बदल गया।

उन्होंने कहा- हम (भारत-चीन) कई मुद्दों पर सहमत नहीं हैं। जब पड़ोसी लिखित समझौतों का उल्लंघन करे तो ये चिंता की बात है। इससे दोनों के रिश्तों की स्थिरता पर सवाल खड़े होते हैं।

चीन में 17 अक्टूबर 2022 को CCP की 20वीं मीटिंग से पहले गलवान झड़प के इस वीडियो को जिनपिंग सरकार की उपलब्धि के तौर पर दिखाया गया।

चीन में 17 अक्टूबर 2022 को CCP की 20वीं मीटिंग से पहले गलवान झड़प के इस वीडियो को जिनपिंग सरकार की उपलब्धि के तौर पर दिखाया गया।

‘भारत बदल रहा है, इस पर उग्र होने की जरूरत नहीं’

जयशंकर ने जापान दौरे पर दुनिया में हो रहे पावर शिफ्ट पर भी बात की। उन्होंने कहा- ये हकीकत है कि इंडो-पेसिफिक इलाके में पावर शिफ्ट हो रही है। जब किसी देश की क्षमता में बड़ा बदलाव आता है और खासकर उसकी महत्वाकांक्षाओं में तो इसके रणनीतिक परिणाम भी होते हैं।

जयशंकर ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि दुनिया बदल रही है ऐसे में दूसरे देशों के साथ भारत के रिश्तों में भी बदलाव आ रहा है। इसमें उग्र होने की जरूरत नहीं है। जयशंकर ने यूरोप और मिडिल ईस्ट में चल रही जंग में भी अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन होने का जिक्र किया।

क्या हुआ था गलवान घाटी में
साल 2020, अप्रैल-मई में चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद कई जगह पर घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं। भारत सरकार ने भी इस इलाके में चीन के बराबर संख्या में सैनिक तैनात कर दिए थे।

हालात इतने खराब हो गए कि 4 दशक से ज्यादा वक्त बाद LAC पर गोलियां चलीं। इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। गलवान झड़प में चीन के 38 सैनिक मारे जाने की बात कही गई थी। हालांकि चीन ने केवल 4 की मौत कबूली थी।

गलवान में दो परमाणु ताकत रखने वाले देशों के बीच संघर्ष से दुनियाभर के नेता अलर्ट हो गए। इसके बाद ही अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत के बीच बने सिक्योरिटी अलायंस क्वाड को तुरंत मजबूत बनाने की कवायद शुरू हुई।

चारों देशों ने मार्च 2021 में एक अहम मीटिंग कर चीन की वजह से बढ़ती सुरक्षा चिंताओं को साझा किया। क्वाड का गठन एशिया-प्रशांत इलाके और साउथ चाइना सी में चीन के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए ही किया गया है।

गलवान झड़प से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

पूर्व आर्मी चीफ ने ऑटोबायोग्राफी में बताई गलवान की कहानी:लिखा-16 जून 2020 को जिनपिंग भूल नहीं पाएंगे, हमने उनके 40 सैनिक मारे थे

16 जून, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का जन्मदिन है और वे इसे जल्दी नहीं भूल पाएंगे, क्योंकि 2020 में इसी दिन 20 साल में पहली बार चीन और उसकी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को सबसे घातक मुठभेड़ का सामना करना पड़ा था।

यह कहना है पूर्व आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का। नरवणे ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ में 2020 में गलवान वैली में भारतीय सेना और चीन की आर्मी के बीच हुई हिंसक झड़प के बारे कई बातें लिखी हैं। उनकी ऑटोबायोग्राफी जनवरी 2024 में लॉन्च होगी। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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