





















तेल अवीव3 घंटे पहले
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मंगलवार को तेल अवीव के शेबा हॉस्पिटल में ब्लड डोनेट करते जर्मनी के एयरफोर्स चीफ।
इजराइल और हमास की जंग का आज 33वां दिन है। इजराइल के पश्चिमी सहयोगी उसके साथ खड़े नजर आ रहे हैं। मंगलवार को जर्मनी के एयरफोर्स चीफ इन्गो गेराहात्ज तेल अवीव के शेबा मेडिकल सेंटर पहुंचे। यहां उन्होंने ब्लड डोनेट किया।
दूसरी तरफ, इजराइल की थल सेना ने अब गाजा के उन इलाकों में हमास की सुरंगों को तबाह करना शुरू कर दिया है, जो घनी बस्तियों में हैं और जहां ज्यादातर आम लोगों की आड़ लेकर हमास हमले करता है।

इजराइली नागरिकों ने मंगलवार को मारे गए अपने देश के नागरिकों के लिए मौन रखा।
रक्तदान मेरा सौभाग्य
जर्मनी के एयर फोर्स चीफ कमांडर जनरल इन्गो मंगलवार दोपहर तेल अवीव के शेबा मेडिकल सेंटर पहुंचे। यह इजराइल का सबसे बड़ा सिविल हॉस्पिटल है। यहां उन्होंने ब्लड डोनेट किया और इसके बाद मीडिया को बयान दिया।
इन्गो ने कहा- मैंने इजराइली सेना के साथ बहुत वक्त बिताया है। आज आप हमास के साथ जंग लड़ रहे हैं। ये मेरा खुशकिस्मती है कि मैं यहां आपके साथ एकजुटता दिखाने के लिए आ पाया हूं और ब्लड डोनेट भी कर सका हूं। हो सकता है आपको इसकी जरूरत हो। बाद में शेबा हॉस्पिटल ने एक बयान जारी किया। कहा- जनरल इन्गो का यहां आना और ब्लड डोनेट करना काफी अहम है। उनकी यह विजिट उम्मीद, एकता और भरोसे का संदेश देती है।

यह पोस्टर तेल अवीव की एक सड़क पर लगा है। इसमें सरकार से मांग की गई है कि वो हमास के कब्जे में मौजूद लोगों को जल्द से जल्द छुड़ाए।
संसद में बंधकों की तस्वीरें लगाएं
इजराइल में विपक्ष के नेता येर लैपिड ने मंगलवार को संसद के स्पीकर आमिर ओहाना को पत्र लिखा। कहा- हमास ने जिन इजराइलियों और दूसरे देशों के नागरिकों को बंधक बनाया है, उनकी तस्वीरें स्थायी रूप से संसद में लगाई जानी चाहिए।
लैपिड आगे लिखते हैं- मैंने उन परिवारों से मुलाकात की है, जिनके परिजन हमास की कैद में हैं। परिवार कितने दर्द में हैं, इसको महसूस किया जाना चाहिए। सबसे पहले तो सरकार को इन बंधकों की रिहाई के लिए हर मुमकिन कोशिश करनी होगी। जब तक बंधक घर वापस नहीं आते, तब तक हम इनके परिवारों से आंख भी नहीं मिला सकेंगे।

इजराइली फौज ने गाजा को दो हिस्सों में बांटकर ऑपरेशन शुरू किया था।
इजराइली फौज ने रणनीति बदली
इजराइली फौज ने गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन कर रही फौज की स्ट्रैटेजी में कुछ बदलाव किया है। ‘यरूशलम पोस्ट’ के मुताबिक- IDF अब ज्यादातर उन घनी बस्तियों पर फोकस कर रही है, जहां हमास ने सीक्रेट टनल नेटवर्क बना रखा है या उनके रॉकेट लॉन्च पैड्स हैं।
IDF ने खुद एक बयान जारी कर सिविलियन एरियाज में ऑपरेशन की पुष्टि की है। दूसरी तरफ, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बड़ी इमारतों में मौजूद हमास की टनल एंट्री गेट को इजराइल के स्पेशल डिटेक्शन डिवाइस से खोजा जा रहा है। इसमें अब तक जबरदस्त कामयाबी मिली है।

अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में 12 अक्टूबर को इजराइल के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे। कुछ जगह हमास के कब्जे में मौजूद इजराइली बंधकों के पोस्टर भी फाड़े गए थे।
बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन की यूनिवर्सिटीज को वॉर्निंग
अमेरिका के एजुकेशन डिपार्टमेंट ने सरकार स्कूल और कॉलेजों को एक वॉर्निंग जारी की है। इसमें कहा गया है कि यहूदियों और मुस्लिमों के खिलाफ बन रहे माहौल को फौरन रोका जाए। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उनको मिलने वाली आर्थिक सहायता रोक दी जाएगी। इजराइल और हमास की जंग शुरू होने के बाद अमेरिका के कई कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में प्रदर्शन हो रहे हैं।
एजुकेशन मिनिस्टर मिगुल कार्डोना ने कहा- मेरे डिपार्टमेंट को 7 अक्टूबर के बाद 9 शिकायतें मिली हैं। इन्हें सख्ती से रोका जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो इन एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स की फंडिंग रोक दी जाएगी। हम फ्री स्पीच का समर्थन करते हैं, लेकिन कॉलेज कैम्पस में यहूदी विरोध और इस्लामोफोबिया की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। ये वहां के एडमिनिस्ट्रेशन्स को तय करना होगा।
गाजा की सिक्योरिटी संभालेगा इजराइल
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संकेत दिया है कि इजराइल का इरादा गाजा से हमास के खात्मे के बाद उस इलाके की सिक्योरिटी अपने हाथ में लेने का है। एबीसी न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में नेतन्याहू ने यह तो नहीं बताया कि हमास के खात्मे के बाद हमास पर किसका शासन होगा, लेकिन इतना जरूर कहा कि लंबे समय तक इस इलाके की सुरक्षा की जिम्मेदारी इजराइल की होगी।
नेतन्याहू ने कहा कि अगर इस इलाके की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारे पास नहीं रहती है, तो हमास के आतंकी हमले उस लेवल तक पहुंच सकते हैं, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल का मकसद हमास को खत्म करना है, ताकि 7 अक्टूबर जैसे हमले को दोहराने की संभावना खत्म की जा सके।

नेतन्याहू ने कहा कि अगर इस इलाके की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारे पास नहीं रहती है, तो हमास के आतंकी हमले उस लेवल तक पहुंच सकते हैं, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते।
मोदी और रईसी की बातचीत
सोमवार को ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने जंग को लेकर PM मोदी से फोन पर बात की। उन्होंने कहा- भारत से उम्मीद है कि वो फिलिस्तीनियों पर हो रहे ज़ुल्म को रोकने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाएगा। फिलिस्तीनियों की हत्या से सभी आजाद देश गुस्से में हैं।
रईसी ने कहा- अगर नाजियों के खिलाफ यूरोप की लड़ाई साहस भरा काम था, तो बच्चों की हत्या करने वाले यहूदी शासन के खिलाफ लड़ाई की निंदा नहीं की जा सकती है। वहीं PM मोदी ने तनाव को रोकने, मानवीय सहायता पहुंचाने और मिडिल-ईस्ट में शांति स्थापित करने की जरूरत पर जोर दिया। इसके अलावा दोनों देशों के आपसी कारोबार चाबहार बंदरगाह प्रोजेक्ट भी बातचीत का मुद्दा रहा।
दूसरी तरफ, ‘यरुशलम पोस्ट’ के मुताबिक- भारत में रहने वाली यहूदी कम्युनिटी के करीब 200 लोग इस वक्त IDF का साथ दे रहे हैं। ये सभी नेई मेनाशे कम्युनिटी से ताल्लुक रखते हैं। यह जानकारी शेवी इजराइल नामक गैर सरकारी संगठन ने दी है।

इस फुटेज में गाजा शहर में तबाही के मंजर को देखा जा सकता है।
इजराइल ने फिर अस्पताल-रिफ्यूजी कैंप पर हमला किया
सोमवार को इजराइल ने एक बार फिर गाजा के अस्पताल को निशाना बनाया। गाजा के नासेर मेडिकल कॉम्प्लेक्स में इजराइल एयरस्ट्राइक में 8 लोगों की मौत हो गई, वहीं दर्जनों घायल हुए। इसके अलावा इजराइल ने अल-मगाजी रिफ्यूजी कैंप पर भी हमला किया।
7 अक्टूबर को जंग की शुरुआत के बाद से अब तक 10 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों ने अपनी जान गंवाई है। वहीं करीब 25 हजार लोग घायल हुए हैं। गाजा हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, मरने वालों में 4.100 बच्चे हैं। वहीं इजराइल में हमास के हमलों में 1,403 लोगों की जान गई है।
ब्लिंकन की धमकी
इजराइल और हमास की जंग में अमेरिका सीधे तौर पर इजराइल के साथ खड़ा है। इसी वजह से बगदाद, बेरूत और तुर्किये में उसके एयरबेस को निशाना बनाया गया है। अब अमेरिका ने इन घटनाओं पर सख्त रुख दिखाया है।
सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन तुर्किये पहुंचे। इसके पहले वो इराक की राजधानी बगदाद में थे। ब्लिंकन ने कहा- हाल ही में हमारे एयरबेस पर हमलों की कोशिश हुई है। अगर ये सिलसिला नहीं रुका तो नतीजे गंभीर होंगे। इन देशों की सरकारों को सतर्क हो जाना चाहिए।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के मुताबिक- गाजा में मानवीय मदद पहुंचाने के लिए नए तरीके खोजे जा रहे हैं।
सर्दियों में जंग के लिए तैयार इजराइली सेना
सोमवार को इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने कहा कि गाजा में मिलिट्री ऑपरेशन पूरा होने में वक्त लग सकता है। लिहाजा उसने आने वाली सर्दियों के मद्देनजर अपने सैनिकों को जरूरी सामान और वर्दियां मुहैया कराना शुरू कर दिया है। यह काम करीब-करीब पूरा होने को है।
एक्टिविस्ट गिरफ्तार

तमीमी को हिंसा और आतंक भड़काने के लिए वेस्ट बैंक से अरेस्ट किया गया है।
इजराइल-हमास जंग के बीच इजराइली सेना ने 22 साल की फिलिस्तीनी एक्टिविस्ट अहद तमीमी को गिरफ्तार कर लिया। AFP के मुताबिक, सोमवार को तमीमी को हिंसा और आतंक भड़काने के लिए वेस्ट बैंक से अरेस्ट किया गया है। तमीमी ने 16 साल की उम्र में इजराइली सैनिक को तमाचा मारा था।
यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक तमीमी ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर इजराइल के खिलाफ लिखा था- यहूदियों हम तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं। हेब्रोन से लेकर जेनिन तक हम तुम्हारा कत्लेआम करेंगे। तुम कहोगे कि हिटलर ने तुम्हारे साथ जो किया वो तो सिर्फ मजाक था। तमीमी ने आगे लिखा- हम तुम्हारा खून पी जाएंगे। तुम्हारी खोपड़ी को खा जाएंगे।
कतर में हमास चीफ से मिला पाकिस्तानी नेता
पाकिस्तान की पॉलिटिकल पार्टी जमात ए उलेमा ए इस्लाम के हेड फजलुर रहमान ने कतर में हमास नेताओं से मुलाकात की। रिपोर्ट्स के मुताबिक फजलुर रहमान कतर में हमास चीफ इस्माइल हानिये से मिला।

पाक नेता फजलुर रहमान (बाएं) ने हमास के चीफ इस्माइल हानिये (दाएं) से फिलिस्तीन में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चर्चा की।
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक रहमान हमास के पूर्व चीफ खालेद मेशाल से भी मिला। इस मुलाकात में उसने फिलिस्तीन के अलावा कश्मीर के मुद्दे पर बातचीत की। हमास के पूर्व चीफ खालेद ने कहा- जो देश मानवाधिकारों की बात करते हैं, वे ही हथियारों से भरे जहाज इजराइल भेज रहे हैं। फिलिस्तीन और कश्मीर के हालात मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के लिए इम्तिहान हैं।
तुर्किये में अमेरिकी एयरबेस में घुसे प्रदर्शनकारी
तुर्किये में इजराइल का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी अडाना प्रांत में स्थित एक एयरबेस में घुस गए। यहां अमेरिकी सैनिक मौजूद थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए टियर गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। तुर्किये जंग को लेकर इजराइल का विरोध कर रहा है। वहीं, अमेरिका जंग की शुरुआत से ही इजराइल का सपोर्ट कर रहा है।
इसके पहले अमेरिका के ओकलैंड पोर्ट पर इजराइल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मिलिट्री शिप का रास्ता रोक दिया था। इस शिप में इजराइल को दिए जाने वाले हथियार हैं। प्रदर्शनकारी इस शिप के ऊपर चढ़ गए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्हें सूत्रों से पता चला था कि शिप में इजराइल की मदद के लिए हथियार पहुंचाए जा रहे थे। ये लोग ‘फ्री फिलिस्तीन’ के नारे लगा रहे थे।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए टियर गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया।
अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में तैनात की परमाणु पनडुब्बी
वहीं, अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अपनी कमांड परमाणु पनडुब्बी पर भेजी है। ओहायो क्लास सबमरीन परमाणु हथियारों से लैस है। मिडिल ईस्ट में भूमध्य सागर, रेड सी, पर्शियन गल्फ और ओमान की खाड़ी में अमेरिका के कमांड हैं। हालांकि, अमेरिकी सेना ने ये नहीं बताया कि न्यूक्लियर स्बमरीन को कहां तैनात किया है।

तस्वीर अमेरिका की ओहायो क्लास परमाणु पनडुब्बी की है, जो जंग के बीच मिडिल ईस्ट में तैनात की गई है।
एक महीने बाद हमास के हमले की जांच शुरू
7 अक्टूबर को हमास के हमले इस जंग की वजह बने थे। अब बेंजामिन नेतन्याहू सरकार, इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) और इंटेलिजेंस एजेंसियां (मोसाद, मिलिट्री इंटेलिजेंस और लोकल नेटवर्क) जांच करने जा रही हैं कि आखिर 7 अक्टूबर को हमास इतने बड़े हमले करने में कामयाब कैसे हुआ।
इस बीच, इजराइल के अखबार ‘यरुशलम पोस्ट’ ने जांच के पॉइंट्स पर रिपोर्ट पब्लिश की है। इसके मुताबिक- हमले की पहली और सबसे बड़ी वजह सेना का यह मुगालता था कि हमास के पास बड़े हमलों की ताकत ही नहीं है। यानी वो ओवर कॉन्फिडेंस की शिकार रही।

यह तस्वीर यरुशलम पोस्ट ने जारी की है। इसमें इजराइली सेना के अफसर वॉर स्ट्रैटेजी रूम में अगले एक्शन के बारे में बातचीत कर रहे हैं।
जांच के लिए कमीशन बनेगा
रिपोर्ट के मुताबिक- जांच में कुछ वक्त या कहें कुछ महीने लग सकते हैं। इसके लिए एक इन्क्वॉयरी कमीशन बनने जा रहा है। इसके सामने जांच के लिए जो पॉइंट्स रखे जाएंगे, उनकी कुछ जानकारी सामने आ रही है। कुछ बातों को तो फौज और इंटेलिजेंस एजेंसियां पहले ही मान चुकी हैं और कुछ पॉइंट्स ऐसे हैं, जिनका अभी तक किसी प्लेटफॉर्म पर जिक्र नहीं हुआ।
दरअसल, इजराइली सेना को ये लगता था कि गाजा में हमास कमजोर हो रहा है और वो किसी बड़े टकराव से बचेगा। उसका इस्लामिक जिहाद से भी विवाद चल रहा था। मई 2021 में भी इजराइल फौज ने गाजा में हमले किए थे। उसका ख्याल था कि उसने हमास के टनल नेटवर्क को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है, हालांकि ये उसकी गलतफहमी साबित हुई, क्योंकि टनल नेटवर्क को उस वक्त कोई खास नुकसान नहीं हुआ था।
इजराइल-हमास जंग तस्वीरों में…

गाजा के अस्पताल के बाहर इजराइली हमले में मारे गए फिलिस्तीनियों के शव रखे गए।

फिलिस्तीनी गाजा शहर में शाती रिफ्यूजी कैंप में तबाह हुई इमारतों के बीच से निकलकर सुरक्षित जगह जाते हुए।

शाती रिफ्यूजी कैंप में अपनों को खोने के बाद लोग एक-दूसरे से लिपटकर रोते नजर आए।

गाजा के अल-मगाजी कैंप में हमले के बाद एक महिला चीखती नजर आई।

घायल बच्चों का इलाज गाजा के दीर अल बलाह के अल-अक्सा अस्पताल में किया गया।
गाजा में हर घंटे मारे जा रहे 15 लोग
अलजजीरा के मुताबिक, गाजा में हो रही इजराइली बमबारी से हर घंटे 15 लोगों की मौत हो रही है। 35 लोग घायल हो रहे हैं और 12 इमारतें तबाह हो रही हैं। इस बीच हिजबुल्लाह ने इजराइली आर्मी की 6 पोस्ट पर हमला किया है। इजराइली सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की है।
लेबनान का आतंकी संगठन हिजबुल्लाह 8 अक्टूबर से ही इजराइल पर हमले कर रहा है। इधर, 7 अक्टूबर से अब तक जंग में फ्रांस के 39 नागरिक मार गए हैं। 9 अन्य लापता हैं। हमास ने हमले के दौरान करीब 250 लोगों को बंधक बनाया, इनमें कई विदेशी नागरिक भी हैं।


‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’
हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया है। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच क्यों है विवाद?
मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।
गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।

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अल-अक्सा मस्जिद में इजराइली पुलिस ने नमाजियों को गिरफ्तार किया; हमास ने कहा- कीमत चुकानी पड़ेगी

इजराइल में यरुशलम के अल-अक्सा मस्जिद में पुलिस और फिलिस्तीनियों की बीच झड़प हो गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया और उन पर पवित्र मस्जिद को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। पुलिस के मुताबिक, कुछ फिलिस्तीनियों ने खुद को पटाखों, लाठी और पत्थरों के साथ मस्जिद में बंद कर लिया था और बाहर बैरिकेडिंग लगा दी थी। पढ़ें पूरी खबर…
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