






वॉशिंगटन9 मिनट पहले
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7 अक्टूबर को इजराइल पर हमले के बाद गाजा में मौजूद हमास आतंकी।
डॉक्यूमेंट्स, ईमेल्स और कुछ इंटरव्यूज से पता लगा है कि 7 अक्टूबर को इजराइल पर हुए हमास के हमले प्रीप्लान्ड थे। हैरत की बात यह है कि इजराइल की फौज और खुफिया एजेंसी मोसाद को भी इनकी जानकारी थी, लेकिन वो इस मुगालते में रहे कि हमास के पास इस तरह के हमलों की काबिलियत नहीं है।
7 अक्टूबर को हुए हमलों में 1200 इजराइली और कुछ विदेशी लोग मारे गए थे। इसके बाद इजराइल ने हमास के खिलाफ जंग छेड़ दी।
हमले रोकने में नाकामी की जांच, इसके दस्तावेज का कोड नेम जेरिको वॉल
- इजराइल में अब 7 अक्टूबर के हमलों को रोकने में नाकामी की जांच हो रही है। 40 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है। इसको ‘जेरिको वॉल’ कोड नेम दिया गया है। हालांकि, यह नया नाम नहीं है। इजराइल में किसी इंटेलिजेंस या मिलिट्री डॉक्यूमेंट या एसेसमेंट को यही नाम दिया जाता है। इस डॉक्यूमेंट में हर स्तर पर हुई नाकामी को सिलसिलेवार तरीके से बताया गया है।
- मूल रूप से यह दस्तावेज हिब्रू में है, लेकिन ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के पास इसका ट्रांसलेशन मौजूद है। इसमें हमास के हमलों की किसी तारीख का जिक्र नहीं है, लेकिन इतना जरूर बताया गया है कि गाजा पट्टी में जबरदस्त सैन्य तैयारियां की गईं थीं। इनका मकसद इजराइली शहरों पर हमले के अलावा उसके मिलिट्री बेसेस और डिवीजनल हेडक्वॉर्टर्स को टारगेट करना था।
- हमास ने 7 अक्टूबर के हमलों को सटीक तरीके से अंजाम दिया। रॉकेट दागे गए, ड्रोन्स के जरिए सिक्योरिटी कैमरे तबाह किए गए और बॉर्डर पर मशीन गन से हमले किए गए। पैराग्लाइडर्स, बाइक्स और जमीनी रास्ते से हमास के आतंकी इजराइल में दाखिल हुए। हमास के पास इजराइली मिलिट्री के बारे में काफी डिटेल में जानकारी थी। अब सवाल यह है कि हमास ने इतनी खुफिया इन्फॉर्मेशन आखिर कैसे जुटाई।

7 अक्टूबर को इजराइल के एश्केलॉन शहर में रॉकेट सायरन अलर्ट के बाद महफूज ठिकाने की तरफ भागती महिला।
नेतन्याहू ने डॉक्यूमेंट देखा या नहीं
- जेरिको वॉल इजराइली मिलिट्री और इंटेलिजेंस अफसरों के पास मौजूद है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इतने बड़े पैमाने पर हमला हमास के बूते से बाहर की बात है। यही बात डॉक्यूमेंट में भी कही गई है और इसे इजराइली अफसर भी मानते हैं। हालांकि, यह साफ नहीं है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और दूसरे पॉलिटिकल लीडर्स ने यह डॉक्यूमेंट देखा है या नहीं।
- पिछले साल इजराइली सरकार को हमास के इरादों की भनक लगी थी। उस दौरान इजराइली फौज के गाजा डिवीजन ने कहा था कि हमास के इरादों का साफतौर पर अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। इसी डिवीजन पर गाजा बॉर्डर की सिक्योरिटी की जिम्मेदारी है। इसी साल जुलाई में इजराइल की यूनिट 8200 के एक सीनियर एनालिस्ट ने आगाह किया था कि हमास बड़े हमले की तैयारी कर रहा है।
- हैरानी की बात यह है कि गाजा डिवीजन के एक कर्नल ने इस वॉर्निंग को गंभीरता से नहीं लिया। इस बारे में एक मेल सबूत के तौर पर मौजूद है। अब यह एनालिस्ट कहती हैं- मेरी बात को काल्पनिक समझा गया और अब यही जेरिको वॉल डॉक्यूमेंट में लिखा है। यह महज किसी एक गांव पर रेड की कोशिश नहीं थी। हमास ने जंग का प्लान बनाया था।

इजराइल के सेदरॉत शहर में तैनात इजराइली डिफेंस फोर्सेस (IDF) की यूनिट। इस शहर में हमास ने 7 अक्टूबर को कई लोगों को मार डाला था।
क्या इजराइली फौज ने वॉर्निंग को गंभीरता से नहीं लिया
- कुछ अफसर निजी बातचीत में सवालिया निशान लगाते हुए पूछते हैं कि इजराइली फौज ने इस वॉर्निंग को गंभीरता से लिया? क्या साउथ इजराइल में फौज की तैनाती में इजाफा किया गया? अगर तैयारी पुख्ता होती तो न सिर्फ हमलों को रोका जा सकता था, बल्कि उसी वक्त करारा जवाब दिया जा सकता था। हुआ उल्टा, इजराइली फौज तैयार नहीं थी और गाजा पट्टी से निकलकर आतंकी इजराइल में घुस गए।
- इजराइली सिक्योरिटी ऑफिशियल्स पहले ही मान चुके हैं कि वे देश की हिफाजत में नाकाम रहे। माना जा रहा है कि सरकार एक जांच कमीशन बनाने जा रही है जो हमले रोकने में हुई नाकामी की हर पहलू से जांच करेगा। जेरिको वॉल डॉक्यूमेंट के बारे मे अफसर भी मानते हैं कि ये अरब-इजराइल जंग 1973 के बाद पहली बार खुफिया और फौजी नाकामी का सबसे अहम दस्तावेज है।
- मोटे तौर पर इस डॉक्यूमेंट से एक चीज तो साफ हो ही जाती है और इसे इजराइली अफसर भी मानते हैं। माना ये जाता है कि इजराइल की सिक्योरिटी के जिम्मेदार लोगों को यह मुगालता रहा कि ये आतंकी संगठन इतना खौफनाक हमला नहीं कर सकता या उसके पास ऐसा करने की काबिलियत नहीं है। हालांकि, अब ये जिम्मेदार इन मुद्दों पर जवाब देने से बच रहे हैं।

तस्वीर 7 अक्टूबर की है। हमास के हमले के बाद मारे गए इजराइली लोगों के शवों के करीब मौजूद एक सैनिक।
अफसरों की चुप्पी का राज
- इजराइली अफसर ये नहीं बता रहे कि उन्हें जेरिको वॉल डॉक्यूमेंट कहां से मिला। हालांकि, यह हालिया साल में तैयार किए गए हमास के अटैक प्लान्स से जुड़ा एक और दस्तावेज ही है। मसलन, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के पास 2016 में इजराइली डिफेंस मिनिस्ट्री का एक मेमोरेंडम मौजूद है। इसमें कहा गया था कि हमास का इरादा है कि अगली जंग या झड़प इजराइली जमीन पर ही हो।
- इसमें आगे कहा गया था- हमास इजराइली नागरिकों को बंधक बनाना चाहता है और यहां चुनिंदा कम्युनिटीज को कब्जे में लेना चाहता है। जेरिको वॉल में वेस्ट बैंक की तरफ से इजराइल पर हमले की प्लानिंग पर भी जानकारी मौजूद है। वेस्ट बैंक से हमले इस तरह किए जाने थे कि इजराइली फौज का फोकस दूसरी ओर बंट जाए, वह बंकरों में छिप जाए। फिर ड्रोन्स से गाजा-इजराइल बॉर्डर पर मौजूद सिक्योरिटी अरेंजमेंट्स को तबाह किया जाए।
- इसमें हमास के इरादों को एक मजहबी कथन से बताया गया है। इसके मुताबिक- उन्हें घर में घुसकर चौंका दो। अगर ऐसा करने में कामयाब रहे तो जो चाहते हो, वही नतीजा मिलेगा। 7 अक्टूबर के बाद हमास इस कथन का उपयोग वीडियोज और बयानों में करता रहा है।
- दस्तावेज के मुताबिक- हमास का प्लान रीम शहर के इजराइली बेस पर कब्जे का था। इसी बेस के जरिए गाजा डिवीजन की सिक्योरिटी पर नजर रखी जाती है। इसके अलावा कुछ और बेसेस पर हमास की नजर थी।

तस्वीर गाजा पट्टी की है। 7 अक्टूबर को हमास आतंकी एक इजराइली महिला को किडनैप करके ले गए थे। बाद में इसकी मौत हो गई थी।
एक और बड़ी गलती हुई
- इजराइली अफसर मानते हैं कि इस डॉक्यूमेंट की सबसे बड़ी बात यह है कि चेतावनियों को गंभीरता से नहीं लिया गया। हालांकि, ये भी एक फैक्ट है कि फौजें कई बार और कई प्लान्स ऐसे बनाती हैं, जिन पर कभी अमल नहीं किया जाता। इजराइल ने हमास की कुछ और बातों को गंभीरता से नहीं लिया। जैसे, हमास की मांग थी कि फिलिस्तीनियों को इजराइल में काम करने के परमिट मिलें।
- इस मांग का इजराइली अफसरों ने यह अंदाजा लगाया कि हमास जंग नहीं चाहता, क्योंकि वह तो फिलिस्तीनियों के लिए वर्क परमिट मांग रहा है। हालांकि, अब ये साफ है कि हमास कई साल से हमले की साजिश रच रहा था। यह हमला इजराइल के बतौर देश 75 साल के इतिहास का सबसे बड़ा हमला साबित हुआ। 2016 में जो मेमोरेंडम जारी किया गया था। उसमें उस वक्त के डिफेंस मिनिस्टर एविगोर लिबरमैन ने कहा था- हमास की घुसपैठ और बंधक बनाने का प्लान इजराइल के नागरिकों की मानसिकता को जबरदस्त नुकसान पहुंचाएगा।
- इस मेमो में कहा गया था- हमास ने आधुनिक हथियार खरीदे हैं। वो जीपीएस जैमर्स और ड्रोन भी खरीद रहा है। उसके पास 27 हजार आतंकी हैं। इनमें से 6 हजार तो दो साल में इस आतंकी गुट में शामिल हुए हैं। वह 2020 तक आतंकियों की तादाद 40 हजार करना चाहता है।

हमास ने 7 अक्टूबर को एश्केलॉन शहर पर रॉकेट दागे थे। इस दौरान वहां कई लोग मारे गए थे और प्रॉपर्टी को नुकसान हुआ था।
पिछले साल भी एक डॉक्यूमेंट तैयार हुआ था
- इजराइली फौज की गाजा डिवीजन ने पिछले साल भी जेरिको वॉल डॉक्यूमेंट तैयार किया था। इसमें खुफिया जानकारी के आधार पर हमास की घुसपैठ की साजिश के बारे में आगाह किया गया था। इसके मुताबिक- हमास चौंकाने वाला हमला करना चाहता है। जुलाई में यूनिट 8200 के एक एनालिस्ट ने कहा था हमास के कमांडो ट्रेनिंग और एक्सरसाइज कर रहे हैं।
- इस ट्रेनिंग में इजराइली एयरक्राफ्ट्स को मार गिराने के अलावा किबुत्ज और मिलिट्री बेस को निशाना बनाने पर फोकस किया गया था, ताकि कैडेट्स को मारा जा सके। हैरानी की बात ये है कि गाजा डिवीजन के कर्नल ने इस एनालिसिस को अच्छा, लेकिन सिर्फ कल्पना बताया। उन्होंने यह भी कहा कि हमास के एक्शन के बारे में धैर्य से सोचना चाहिए।
- इसी डॉक्यूमेंट में 1973 की अरब-इजराइल जंग का जिक्र भी किया गया था। इसके मुताबिक- ये ध्यान रखा जाना चाहिए कि तब इजिप्ट और सीरिया ने इजराइली फौज को काफी नुकसान पहुंचाया था और बाद में इजराइली फौज री-ग्रुप हुई और उसने हमला नाकाम कर दिया। इसलिए, इजराइल को खुफिया जानकारियों को गंभीरता से लेना चाहिए।

तस्वीर गाजा के एक बीच की है। यहां इजराइली कार्रवाई के बाद समुद्री किनारे पर बहकर आया मलबा साफ देखा जा सकता है।
इतनी जल्दी जंग की आशंका नहीं थी
- ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक- कोई ईमेल यह नहीं बताता कि इजराइल को इतनी जल्दी जंग शुरू होने की आशंका थी। हमास का नेता याह्या सिनवार भी जंग नहीं चाहता था। हालांकि, यह बात अब सभी मान रहे हैं कि हमास बहुत ज्यादा ताकतवर हो चुका है।
- इस हमले के कुछ पॉइंट्स अमेरिका में 9/11 के अटैक से भी जुड़ते हैं। तब भी पेंटागन और अमेरिकी इंटेलिजेंस अल-कायदा के इरादों का सही अंदाजा नहीं लगा सकी थी। सीआईए से हाल ही में रिटायर हुए अफसर टेड सिंजर कहते हैं- इजराइल की 7 अक्टूबर की खुफिया नाकामी 9/11 की याद दिलाती है। यह बताती है कि मिलिट्री और पॉलिटिकल लीडरशिप इस बात को नहीं समझ पाए कि हमास उन हालात में पहुंच चुका है कि वह जब चाहे हमला कर सकता है।
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