



तेहरान5 मिनट पहले
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ईरान की न्यूज एजेंसी ISNA ने घटना का यह वीडियो शेयर किया है।
ईरान के एक ड्रग्स रीहैबिलिटेशन सेंटर में शुक्रवार को आग लग गई। हादसे में 32 लोगों की मौत हो गई। 16 घायल बताए जा रहे हैं। इनमें चार की हालत बेहद गंभीर बताई गई है। घटना में मारे गए ज्यादातर लोग ड्रग एडिक्ट थे।
ईरानी मीडिया के मुताबिक, लैंगरुड शहर के एक अफीम पुनर्वास शिविर में आग लगी। यहां 40 लोगों के रहने की क्षमता है। पुलिस ने इस मामले में सेंटर के मैनेजर को हिरासत में लिया है। आग लगने की वजह फिलहाल पता नहीं चली है। ईरान में ड्रग्स मामलों को लेकर 6 महीने में 173 लोगों को फांसी दी जा चुकी है।
ईरान की न्यूज एजेंसी ISNA ने घटना का एक वीडियो शेयर किया। इसमें शुक्रवार तड़के लगी आग और काला धुआं दिखाई दे रहा है।

आग बुझने के बाद यहां से कुछ लोगों को बाहर निकाला गया। इन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
ईरान में ड्रग्स तस्करी पर मौत की सजा
ईरान सरकार नशे की लत छुड़ाने वालों के लिए कई कदम उठाती रहती है। यहां ड्रग्स को लेकर बेहद सख्त नियम हैं।
NGO एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक, इस साल जून तक 173 लोगों को ड्रग्स से जुड़े अपराधों में दोषी पाते हुए फांसी पर चढ़ाया गया। वहीं, 2022 में 582 लोगों को फांसी पर चढ़ाया गया था। इनमें से 44% लोग ड्रग्स यानी नशीली दवाओं की तस्करी से जुड़े अपराधों के दोषी थे।

2017 में गई थी 17 लोगों की जान
अगस्त 2023 में तेहरान के गार्डन बजार में आग लगी थी। कई दुकानें तबाह हुई थीं। हालांकि, इस दौरान किसी की मौत नहीं हुई थी। वहीं, जनवरी 2017 में एक 15 मंजिला शॉपिंग सेंटर में आग लगा थी। इस हादसे में 22 लोगों की मौत हुई थी। इनमें 16 दमकल कर्मी थे।
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16 अगस्त 2022 को गुजरात के मोक्षी गांव से 200 किलो अवैध ड्रग्स पकड़ी गई। जिसकी कीमत करीब 1 हजार करोड़ रुपए आंकी गई। उसी दिन अंकलेश्वर से 513 किलो MD ड्रग्स पकड़ी गई। इसकी कीमत करीब 1 हजार 26 करोड़ बताई गई।
देश के सभी राज्यों से पूरे साल में जब्त ड्रग्स की कीमत जोड़ें तो कई राज्यों के सालाना बजट से भी ज्यादा होती है। ऐसे में अकसर यह सवाल उठता है कि जब्त किए गए करोड़ों के ड्रग्स का आखिर होता क्या है? भास्कर एक्सप्लेनर में इसी का जवाब जानेंगे…
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