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indian in Russian army killed on Ukraine front | धोखे से यूक्रेन जंग लड़ने भेजे गए भारतीय की मौत: मरने से पहले परिजनों से बात हुई थी; नौकरी के नाम पर रूस ने आर्मी जॉइन करवाई थी

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कुछ ही क्षण पहले

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यह तस्वीर रूस-यूक्रेन जंग की है। दोनों देशों के बीच 24 फरवरी 2022 से जंग चल रही है। - Dainik Bhaskar

यह तस्वीर रूस-यूक्रेन जंग की है। दोनों देशों के बीच 24 फरवरी 2022 से जंग चल रही है।

यूक्रेन में एक भारतीय की मौत हो गई। रूसी कंपनी ने उसे धोखे जंग लड़ने के लिए भेजा था। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के सूरत में रहने वाले हेमिल अश्विनभाई मंगुकिया की यूक्रेन में मौत हुई। मरने से कुछ घंटे पहले उसने घरवालों से करीब 2 घंटे बात की थी।

उसके परिजन अतुल मंगुकिया ने बताया- 23 फरवरी को मेरे भाई अश्विन को हेमिल के दोस्त का फोन आया था। उसने हेमिल के मारे जाने की जानकारी दी थी। हमें यकीन नहीं हुआ। हमने पूछताछ करवाई। 25 फरवरी को कन्फर्म हुआ कि हेमिल रूस-यूक्रेन जंग में मारा गया है। आज 26 फरवरी को हमने शोक सभा रखी है।

तस्वीर यूक्रेन में मारे गए हेमिल अश्विनभाई मंगुकिया की है। (क्रेडिट- टाइम्स ऑफ इंडिया)

तस्वीर यूक्रेन में मारे गए हेमिल अश्विनभाई मंगुकिया की है। (क्रेडिट- टाइम्स ऑफ इंडिया)

हेल्पर की नौकरी के लिए रूस गया था
अतुल मंगुकिया ने कहा- हेमिल 14 दिसंबर को चेन्नई से रूस रवाना हुआ था। उसे सोशल मीडिया के जरिए रूसी सेना में हेल्पर की नौकरी के बारे में जानकारी मिली थी। रूसी कंपनी के एजेंट्स के कहने पर वो रूस चला गया। पिछले महीने उसके अकाउंट में 2.3 लाख रुपए की सैलरी क्रेडिट हुई थी।

हेमिल ने कहा था- मैं ठीक हूं
अतुल ने बताया- हेमिल हर दिन घरवालों को कॉल करता था। मरने से पहले भी उसने घरवालों से करीब 2 घंटे बात की थी। कहा था- मैं ठीक हूं। कॉल रखने के कुछ घंटों बाद ही उसकी मौत हो गई।

हेमिल के परिवार से भारत सरकार से मांग की है वो रूसी सरकार से संपर्क करें और हेमिल की मौत की पूरी जानकारी लें। वहीं, पुलिस का कहना है कि हेमिल नॉर्मल वीजा पर रूस गया था। इस बात की जानकारी नहीं है कि उसने वहां नौकरी कैसे शुरू कर दी। दरअसल, दूसरे देशों में नौकरी करने वाले लोगों को वर्क वीजा इश्यू किया जाता है।

24 फरवरी 2022 को शुरू हुई रूस-यूक्रेन जंग 2 साल से चल रही है। इस बीच रूसी सेना यूक्रेन के कई शहरों पर कब्जा कर चुकी है। (फाइल)

24 फरवरी 2022 को शुरू हुई रूस-यूक्रेन जंग 2 साल से चल रही है। इस बीच रूसी सेना यूक्रेन के कई शहरों पर कब्जा कर चुकी है। (फाइल)

4 दिन पहले फेक आर्मी जॉब रैकेट का खुलासा हुआ था
22 फरवरी को पब्लिश हुई टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में भारतीयों को शिकार बनाने वाले फेक आर्मी जॉब रैकेट का खुलासा हुआ था।

इसमें कहा गया था कि रूसी कंपनियों के एजेंट्स भारतीयों को लाखों की सैलरी वाली हेल्पर की नौकरी का झांसा देकर उन्हें रूस भेज रही हैं। रूस पहुंचने के बाद भारतीयों को रूस की प्राइवेट आर्मी कहे जाने वाले वैगनर ग्रुप में भर्ती करवाया जा रहा है और जंग के मैदान में छोड़ा जा रहा है।

रिपोर्ट- 60 भारतीयों को भी झांसा दिया गया
रिपोर्ट में कहा गया था कि भारतीयों को विजिटर वीजा पर रूस ले जाया जा रहा है। इसके मुताबिक 60 अन्य भारतीयों को भी झांसा देकर वैगनर आर्मी में शामिल किया गया। महाराष्ट्र के एक व्यक्ति ने इन लोगों से रूसी भाषा में लिखा कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाया था। इन्हें बताया गया कि यह हेल्पर की नौकरी के लिए है।

तस्वीर में रूस-यूक्रेन जंग के बीच रूसी आर्मी में फंसे भारतीयों की है। इनकी पहचान छिपाने के लिए चेहरा ब्लर किया गया है। (क्रेडिट- द हिंदू)

तस्वीर में रूस-यूक्रेन जंग के बीच रूसी आर्मी में फंसे भारतीयों की है। इनकी पहचान छिपाने के लिए चेहरा ब्लर किया गया है। (क्रेडिट- द हिंदू)

रूस में फंसे लोगों को छुड़ाने की कोशिश जारी
23 फरवरी को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा था- हमें इस मामले की जानकारी मिली है। कुछ भारतीयों ने रूसी आर्मी में हेल्पर की नौकरी के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। भारतीय दूतावास रूसी अधिकारियों के साथ इस मामले को लेकर संपर्क में है। हम जल्द से जल्द उन्हें छुड़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच हम सभी भारतीयों से अपील करते हैं कि वो पूरी सतर्कता बरतते हुए जंग से दूर रहें।


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