Friday , 1 August 2025
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Indian helicopters in Maldives; Maldives India Military Controversy | President Muizzu | मालदीव में भारतीय हेलिकॉप्टर्स कंट्रोल करेगी मुइज्जू की सेना: नया क्रू उनके नेतृत्व में काम करेगा; भारतीय सैनिकों को रिप्लेस करने के लिए 26 लोग पहुंचे

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माले1 घंटे पहले

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मोहम्मद मुइज्जू ने अपने चुनाव कैंपेन में इंडिया आउट का नारा दिया था। वो नवंबर 2023 में देश के राष्ट्रपति बने थे। (फाइल) - Dainik Bhaskar

मोहम्मद मुइज्जू ने अपने चुनाव कैंपेन में इंडिया आउट का नारा दिया था। वो नवंबर 2023 में देश के राष्ट्रपति बने थे। (फाइल)

मालदीव की नेशनल डिफेंस फोर्स (MNDF) के डायरेक्टर ने गुरुवार को घोषणा की है कि उनके देश में मौजूद भारत के हेलिकॉप्टर का कंट्रोल अब मालदीव की सेना के पास होगा। हेलिकॉप्टर को ऑपरेट करने वाला क्रू भी मालदीव के रक्षा मंत्रालय के नेतृत्व में काम करेगा। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डायरेक्टर कर्नल मुजथाबा ने बताया कि मालदीव में 10 मई के बाद कोई भी विदेशी सेना मौजूद नहीं रहेगी।

MNDF के डायरेक्टर ने कहा- अद्दु शहर में मौजूद हेलिकॉप्टर में कुछ तकनीकी दिक्कतें आ रही थीं। फिलहाल उसकी मरम्मत की जा रही है। इसकी जगह भारत से 26 सिविलियन दूसरा हेलिकॉप्टर लेकर मालदीव आ चुके हैं। ये लोग देश में मौजूद भारतीय सैनिकों की जगह काम करेंगे।

तस्वीर मालदीव में मौजूद भारतीय हेलिकॉप्टर की है। इन्हें ऑपरेट करने के लिए मालदीव में फिलहाल 88 भारतीय सैनिक मौजूद हैं।

तस्वीर मालदीव में मौजूद भारतीय हेलिकॉप्टर की है। इन्हें ऑपरेट करने के लिए मालदीव में फिलहाल 88 भारतीय सैनिक मौजूद हैं।

तय शेड्यूल के मुताबिक ही देश छोड़ेंगे भारतीय सैनिक
कर्नल मुजथाबा ने बताया कि भारतीय सैनिक तय शेड्यूल के हिसाब से ही देश छोड़कर जाएंगे। इसके बाद मालदीव की सेना हेलिकॉप्टर और उसके क्रू को मॉनिटर करेगी। बता दें कि मालदीव में करीब 88 भारतीय सैनिक मौजूद हैं। ये दो हेलिकॉप्टर और एक एयरक्राफ्ट का ऑपरेशन संभालते हैं।

आमतौर पर इनका इस्तेमाल रेस्क्यू या सरकारी कामों में किया जाता है। मालदीव में इंडियन हेलिकॉप्टर और एयरक्राफ्ट मानवीय सहायता और मेडिकल इमरजेंसी में वहां के लोगों की मदद करते रहें।

इससे पहले 29 फरवरी को जानकारी दी गई थी कि भारतीय सैनिकों को रिप्लेस करने के लिए टेक्निकल कर्मियों का पहला बैच मालदीव पहुंच गया है। हालांकि, उस वक्त इनकी संख्या ​​​​​​सामने नहीं आई थी। ​भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने इसकी जानकारी दी थी।

भारत और मालदीव के बीच हुए समझौते के तहत भारतीय सैनिक 10 मई तक अपने देश लौट जाएंगे। मालदीव की रेस्क्यू यूनिट में इन सैनिकों की जगह भारत का ही टेक्निकल स्टाफ ऑपरेट करेगा। इस समझौते का पहला चरण 10 मार्च तक पूरा हो जाएगा।

मालदीव में क्या कर रहे हैं भारतीय सैनिक
भारत ने मालदीव को 2010 और 2013 में दो हेलिकॉप्टर और 2020 में एक छोटा विमान तोहफे के तौर पर दिया था। इस पर मालदीव में काफी हंगामा हुआ। मुइज्जू के नेतृत्व में विपक्ष ने तत्कालीन राष्ट्रपति सोलिह पर ‘इंडिया फर्स्ट’ नीति अपनाने का आरोप लगाया था।

भारत का कहना है कि उपहार में दिए गए विमान का इस्तेमाल खोज-बचाव अभियानों और मरीजों को लाने के लिए किया जाना था। मालदीव की सेना ने 2021 में बताया था कि इस विमान के संचालन और उसकी मरम्मत के लिए भारतीय सेना के 70 से ज्यादा जवान देश में मौजूद हैं।इसके बाद मालदीव के विपक्षी दलों ने ‘इंडिया आउट’ अभियान शुरू कर दिया। उनकी मांग थी कि भारतीय सुरक्षा बल के जवान मालदीव छोड़ें।

मुइज्जू ने कहा था- भारतीय सैनिकों को निकालना मालदीव के लोगों की इच्छा
जनवरी की शुरुआत में टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू राष्ट्रपति मुइज्जू से भारत की सैन्य मौजूदगी के मुद्दे पर सवाल पूछा गया था। इस पर मुइज्जू ने जवाब दिया था- इस साल के राष्ट्रपति चुनावों में मालदीव के लोगों ने यह साफ कर दिया था कि वो देश में विदेशी सैनिकों की मौजूदगी नहीं चाहते हैं।

फिलहाल, भारत ही ऐसा देश है, जिसके सैनिक यहां मौजूद हैं। मालदीव के नागरिकों की इच्छा को देखते हुए ही मैंने भारत से अपने सैनिकों को हटाने के लिए कहा है। मुझे पूरा भरोसा है कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत मालदीव के लोगों की इच्छा का सम्मान करेगा। मेरा मानना है कि हमारे द्विपक्षीय रिश्ते इतने मजबूत हैं कि दोनों देश बातचीत के जरिए इस मसले का हल निकाल सकें।

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