


दुबई58 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

इंटरनेशनल क्रिकेट में देखने में यह आ रहा था कि विकेटकीपर DRS (रिव्यू) बचाने के लिए स्टंपिंग का सहारा लेते थे।
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने क्रिकेट के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। अब थर्ड अंपायर स्टंपिंग रिप्ले देखने के दौरान बैट के किनारे को चेक नहीं करेगा। क्रिकेट वेबसाइट क्रिकबज के अनुसार, अब अंपायर स्टंपिंग के दौरान विकेट के पीछे कैच की जांच नहीं करेंगे।
इसके अलावा कन्कशन रिप्लेसमेंट को लेकर भी नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये बदलाव 12 दिसंबर 2023 से लागू हो गए हैं। हालांकि ICC ने नियमों में बदलाव की आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
अंपायर स्टंपिंग रिव्यू के दौरान केवल साइड ऑन कैमरों को ही देखेंगे
सबसे महत्वपूर्ण बदलाव स्टंपिंग के वीडियो रिव्यू को लेकर है। अब अगर विकेटकीपर स्टंपिंग की अपील करते हैं तो अंपायर सिर्फ साइड-ऑन कैमरों की मदद से ही रिप्ले देखेंगे ताकि इसमें बैट और बॉल के संपर्क का पता नहीं चल सके।
दरअसल, पिछले कुछ सालों में स्टंपिंग रिव्यू के नियम का गलत इस्तेमाल हो रहा था। बॉलिंग टीम अपने रिव्यू बचाने के लिए बैटर के साफ तौर पर क्रीज में होने के बावजूद स्टंपिंग कर दे रहे थे। इसके बाद थर्ड अंपायर को मजबूरी में स्टंपिंग के साथ बल्ले से बॉल लगने का रिप्ले भी देखना पड़ता था। अगर कभी बल्ले का किनारा लगता था तो अंपायर को उसे आउट भी करार देना पड़ता था। इस रिप्ले में बॉलिंग टीम के रिव्यू बच जाते थे और उन्हें फायदा भी मिल जाता था, इसलिए ICC ने स्टंपिंग रिप्ले का नियम ही बदल दिया।
उदाहरण के लिए, पिछले साल भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज में कंगारू विकेटकीपर एलेक्स कैरी कई बार जानबूझ कर स्टंपिंग कर रहे थे। जब अंपायर स्टंपिंग के लिए तीसरे अंपायर की ओर इशारा करते थे तो बल्ले का किनारा भी चेक होता था। इससे रिप्ले भी दिख जाता था, और बॉलिंग टीम अपने रिव्यू भी बचा लेती थी।

एलेक्स कैरी ने 2023 में भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में बैट का एज चेक करने के लिए कई बार बेवजह स्टंपिंग की थी।
कन्कशन रिप्लेसमेंट के तौर पर शामिल गेंदबाज बॉलिंग नहीं कर सकेगा
ICC ने एक बदलाव बॉलर कन्कशन रिप्लेसमेंट को लेकर भी किया है। नए नियम के अनुसार, अगर बाहर गए खिलाड़ी को गेंदबाजी करने से सस्पेंड किया गया है तो उसकी जगह रिप्लेसमेंट पर आया खिलाड़ी भी बॉलिंग नहीं कर सकेगा।
खिलाड़ी को चोट लगने पर सपोर्ट स्टाफ को ऑन फील्ड ट्रीटमेंट के लिए 4 मिनट का ही समय दिया जाएगा।

कन्कशन सब्सटीट्यूट का नियम 1 अगस्त, 2019 को लागू हुआ था। 18 अगस्त को ऑस्ट्रेलिया के मार्नस लाबुशेन क्रिकेट इतिहास में पहले कन्कशन सब्स्टीट्यूट प्लेयर बने थे। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ स्टीव स्मिथ की जगह ली थी।
BCCI ने रणजी ट्रॉफी के नियमों में बदलाव किया
ICC के नियमों में बदलाव के साथ, BCCI ने भी घरेलू क्रिकेट के नियमों में बदलाव किए। पिछले साल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान ‘डेड बॉल’ और एक ओवर में दो बाउंसर फेंके जाने के नियम में बदलाव किए थे। अब ये नियम रणजी ट्रॉफी में भी लागू रहेगा। रणजी ट्रॉफी का नया सीजन 5 जनवरी से शुरू हो रहा है।
डेड बॉल नियम के अनुसार, फील्डिंग टीम का कोई सदस्य गलत तरीके से मूवमेंट करता दिखाई देता है तो बैटिंग साइड टीम को पेनल्टी के तौर पर 5 रन दिए जाएंगे। ऐसे में यदि बैटर शॉट मारता था तो वह रन नहीं माने जाते थे। अब वे माने जाएंगे। नए नियम के मुताबिक डेड बॉल पर वाइड और नॉ बॉल हुई तो उसका भी रन होगा। बॉलिंग एंड पर खड़े अंपायर को लेग अंपायर के साथ ही फील्डिंग टीम के कप्तान और बैटर्स को डेड बॉल देने का कारण भी बताना होगा।
[ad_2]
Source link