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- Highest Number Of Engineers Qualified UPSC Mains In 5 Years, Selection Rate Of Post Graduates In Humanities 61%
2 घंटे पहले
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हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सर्विसेज एग्जाम-2023 के Mains परीक्षा का रिजल्ट डिक्लेयर किया। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल भी सिविल सर्विसेज एग्जाम के Mains स्टेज क्वालिफाई करने में इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स का दबदबा रहा। इस साल भी सबसे ज्यादा BE/BTech ग्रेजुएट्स ने Mains क्लियर किया है।
इस साल UPSC Mains – 2023 एग्जाम 15 से 24 सितंबर के बीच हुए थे। Mains क्वालिफाई कर चुके शॉर्टलिस्टेड कैंडिडेट्स को पर्सनैलिटी टेस्ट और इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा।
पिछले 5 सालों में 66% इंजीनियर्स बने सिविल सर्वेन्ट्स
पिछले 5 सालों से इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने सबसे बड़ी संख्या में UPSC Mains क्वालिफाई करने का ट्रेंड बरकरार रखा है। बीते 5 सालों में सिविल सर्विसेज के लिए चुने गए स्टूडेंट्स में से 60% से 66% कैंडिडेट्स इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के ही हैं। एग्जाम में सिलेक्ट हुए स्टूडेंट्स का ट्रेंड देखें तो 2017 बैच में सिलेक्ट हुए 66% सिविल सर्वेन्ट्स इंजीनियर के पदों पर काम कर रहे थे। वहीं, 2021 में 60% इंजीनियर्स ने सिविल सर्विसेज एग्जाम क्वालिफाई किया था।
सबसे ज्यादा इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स, ह्यूमैनिटीज पोस्ट ग्रेजुएट्स को मिली सफलता
2017 बैच में सिलेक्ट हुए 77.6% इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स ने हाल ही में BE या BTech की डिग्री हासिल की थी। वहीं, 2021 बैच में सिलेक्ट हुए ग्रेजुएट्स में से 72% इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स थे। सिलेक्शन ट्रेंड में पोस्ट-ग्रेजुएट डिग्री की बात करें तो ह्यूमैनिटीज बैकग्राउंड से पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के एग्जाम क्वालिफाई करने के रेट में खास बदलाव नहीं आया है। 2017 बैच में सिलेक्ट हुए पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स में से 52% स्टूडेंट्स MA पास कर चुके थे। 2021 में पोस्ट ग्रेजुएट कैंडिडेट्स में से 61% MA स्टूडेंट्स ने सिलेक्शन हासिल किया।
वहीं, एग्जाम में ह्यूमैनिटीज सब्जेक्ट के साथ सिलेक्शन पाने वाले स्टूडेंट्स का सक्सेस रेट भी पहले की तुलना में बेहतर हुआ है। सबसे ज्यादा पॉलिटिकल साइंस, सोशियोलॉजी, एंथ्रोपोलॉजी और जियोलॉजी के साथ पोस्ट ग्रेजुएशन किए स्टूडेंट्स ने एग्जाम में सफलता हासिल की है।


सिलेक्ट होने वाले 40% स्टूडेंट्स ने ऑप्शनल के तौर पर चुनी लैंग्वेज
एग्जाम में ऑप्शनल के तौर पर लैंग्वेज के अलावा 48 ऑप्शनल सब्जेक्ट्स और हैं लेकिन 35 से 40% स्टूडेंट्स ने लैंग्वेज के साथ ही सफलता हासिल की है। पिछले 5 सालों में UPSC सिविल सर्विसेज एग्जाम में हिंदी और इंग्लिश के अलावा संस्कृत, उर्दू, मैथिली, डोगरी जैसी 13 भाषाओं में परीक्षा देने वाले कैंडिडेट्स ने भी एग्जाम क्लियर किया है।
हर साल उत्तर प्रदेश से 18, राजस्थान से 15 कैंडिडेट्स बनते हैं IAS
इसके अलावा सिविल सर्विसेज में चुने गए स्टूडेंट्स में से पिछले 18 सालों से सबसे ज्यादा IAS ऑफिसर्स UP से निकले हैं। साल 2005 से 2022 तक लगातार 12 सालों तक सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के कैंडिडेट्स ने IAS के पदों पर सिलेक्शन हासिल किया था। इसके अलावा 2007, 2010, 2014 और 2015 बैच में सबसे ज्यादा तमिलनाडु के उम्मीदवारों ने एग्जाम क्वालिफाई किया था।
साल 2012 से हर साल 180 IAS ऑफिसर्स की नियुक्ति हो रही है। सिर्फ 2012 बैच की बात करें तो 2012 में ही UP से सबसे ज्यादा 34 कैंडिडेट्स और तमिलनाडु और राजस्थान से 20-20 कैंडिडेट्स का चयन IAS के पदों पर हुआ था। लगभग हर साल उत्तर प्रदेश से 18 कैंडिडेट्स IAS के पद पर सिलेक्ट हो रहे हैं। वहीं, राजस्थान से हर साल 15 से 24 कैंडिडेट्स IAS के पद पर चुने गए।
वहीं, 2013 और 2021 बैच में राजस्थान के कैंडिडेट्स ने सबसे ज्यादा सिलेक्शन हासिल किया। 2013 बैच में राजस्थान से 38 कैंडिडेट्स सिलेक्ट हुए थे।
गुजरात, पश्चिम बंगाल से सिर्फ एक बैच में IAS के लिए चुने गए 3 कैंडिडेट्स
UP और तमिलनाडु के अलावा सबसे ज्यादा IAS ऑफिसर्स देने वाले राज्यों में महाराष्ट्र, दिल्ली और बिहार भी शामिल हैं। दिल्ली से सबसे ज्यादा 20 उम्मीदवार 2015 बैच में चुने गए। हालांकि, करीबन 20 सालों से दिल्ली से IAS में सिलेक्ट हुए उम्मीदवारों की संख्या 3 से 18 के बीच रही है।
मध्य प्रदेश से 2021 बैच में सबसे ज्यादा 12 स्टूडेंट्स IAS के पदों पर सिलेक्ट हुए थे। इससे पहले 1 से 10 स्टूडेंट्स ने ही IAS के पदों पर सिलेक्शन हासिल किया। वहीं, साल 2013 में सबसे ज्यादा 13 IAS ऑफिसर्स बिहार से सिलेक्ट किए हुए थे। गुजरात और पश्चिम बंगाल से सिर्फ एक बैच में 3 कैंडिडेट्स का ही IAS के लिए सिलेक्शन हुआ।
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