Friday , 1 August 2025
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Hasina dares BNP leaders to burn their wives’ Indian sarees amid boycott campaign | बांग्लादेश में भारतीय सामानों के बहिष्कार के खिलाफ PM हसीना: बोलीं- पहले अपनी बीवियों की भारतीय साड़ियां जलाओ; विपक्षी नेता ने कश्मीरी शॉल फेंका था

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ढाका8 घंटे पहले

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शेख हसीना जनवरी में हुए चुनाव में चौथी बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनीं। - Dainik Bhaskar

शेख हसीना जनवरी में हुए चुनाव में चौथी बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनीं।

बांग्लादेश में विपक्षी पार्टियों के कथित ‘इंडिया आउट’ कैंपेन को लेकर वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने चुप्पी तोड़ी है। मंगलवार को बांग्लादेश के तेजगांव में आवामी लीग के पार्टी ऑफिस में एक कार्यक्रम के दौरान हसीना ने विपक्ष पर तंज कसा। उन्होंने कहा- उनकी (विपक्षी नेता) पत्नियों के पास कितनी भारतीय साड़ियां हैं? जब वो लोग अपने पार्टी ऑफिस के बाहर अपनी बीवियों की साड़ियां जलाएंगे, तभी ये साबित होगा कि वो भारत में बनी चीजों का बॉयकॉट कर रहे हैं।

बांग्लादेश में चुनाव के वक्त से ही बांग्लादेश की विपक्षी पार्टियां खासकर बांग्लादेश नेशनलिस्ट (BNP) ही सोशल मीडिया पर इंडिया आउट कैंपेन चल रही हैं। पिछले हफ्ते BNP के नेता ने अपनी कश्मीरी शॉल फेक दिया था। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश में मालदीव से प्रेरित होकर ‘इंडिया आउट’ कैंपेन चलाने की कोशिश की जा रही है।

भारत पर शेख हसीना का समर्थन करने के आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश में विपक्षी पार्टियां लोगों के बीच ये मैसेज पहुंचाना चाहती हैं कि भारत की वजह से ही शेख हसीना को चुनाव में बार-बार जीत मिलती है। BNP के नेता तारीक रहमान ने चुनाव में हार के बाद कहा था कि भारत की वजह से ही धांधली के बावजूद बांगलादेश के दिखावटी चुनाव को वैधता मिली।

बांग्लादेश का विपक्ष मालदीव की तरह इंडिया आउट कैंपेन का सहारा लेकर एक मूवमेंट खड़ी करना चाहता है ताकि वो लोगों को एकजुट कर शेख हसीना को सत्ता से बेदखल कर पाए।

साड़ी डिप्लोमेसी के लिए मशहूर हैं शेख हसीना
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना हर मौके पर साड़ी दिखती हैं। हसीना की साड़ी ढाका में ही विशेष तौर पर बनाई जाती है। दुनियाभर में जब वो कहीं जाती हैं तो इन साड़ियों को बतौर पर गिफ्ट भी देती हैं। इसे शेख हसीना की साड़ी डिप्लोमेसी कहा जाता है। वो पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पत्नी से लेकर PM मोदी की मां और ममता बनर्जी तक को साड़ी दे चुकी हैं।

17 जनवरी को शुरू हुआ था बायकॉट इंडिया मूवमेंट
17 जनवरी को बांग्लादेश में आम चुनाव के साथ बायकॉट इंडिया या इंडिया आउट कैंपेन शुरू हुआ था। कुछ एक्टिविस्ट ग्रुप और छोटे राजनीतिक दलों ने इसकी शुरुआत की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए देश के लोगों से भारतीय सामानों और सेवाओं के बायकॉट की अपील की। साथ ही लोगों से देश में बने प्रोडक्ट्स को खरीदने और उन्हें बढ़ावा देने की अपील भी की।

भारत से डेली यूज की चीजें खरीदता है बांग्लादेश
बांग्लादेश के लोग रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भारत से भेजे जाने वाले सामानों पर निर्भर हैं। इनमें सब्जियां, तेल, कॉस्मेटिक, कपड़े, मोबाइल और गाड़ियां शामिल हैं। देश की बड़ी आबादी भारत से आने वाले लग्जरी आइटम जैसे- ज्वेलरी और फैशनेबल कपड़े भी खरीदती है। इतना ही नहीं, बांग्लादेश की इंडस्ट्री में भारत से एक्सपोर्ट होने वाले कच्चे माल से लेकर कॉटन और कुशल कारीगरों की भी काफी डिमांड है।

ट्रेड: चीन के बाद भारत बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। 2021-22 में भारत से बांग्लादेश में करीब 1.15 लाख करोड़ रुपए या 14 बिलियन डॉलर का सामान एक्सपोर्ट किया गया। वहीं, 2022-23 में दोनों देशों के बीच ये बिजनेस करीब 1.32 लाख करोड़ रुपए या 16 बिलियन डॉलर रहा।

बांग्लादेश को आर्थिक तौर पर मदद करने वाले देशों में भारत पहले नंबर पर है। ऑफिशियल आंकड़ों के मुताबिक, दोनों देशों ने 40 प्रोजेक्ट के लिए 7.36 बिलियन डॉलर का एक लोन एग्रीमेंट भी साइन किया है।

टूरिज्म: बांग्लादेश में घूमने और काम के लिए जाने वालों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है। ऑफिशियल आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में 1.7 लाख विदेशी सैलानी बांग्लादेश पहुंचे। इनमें 37 हजार से ज्यादा सिर्फ भारतीय थे। बड़ी संख्या में भारतीय बांग्लादेश में काम भी कर रहे हैं।

बांग्लादेश भी भारत की कमाई का एक बड़ा जरिया है। लाखों बांग्लादेशी मेडिकल सुविधाओं और घूमने-फिरने के लिए हर साल भारत पहुंचते हैं।

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