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- Conflict In West Asia Has Started The Game Of Opportunism In Indian Politics, Read The Hindu Editorial Of 15 November
9 घंटे पहले
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गाजा में इजराइल और हमास के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच केरल में पार्टियों ने एक-दूसरे को मात देने का राजनीतिक खेल शुरू कर दिया है।
इंडियन कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेतृत्व वाला वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) और कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) दोनों ही पार्टियां ने जाहिर तौर पर मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने के लिए, फिलिस्तीन समर्थकों का विरोध करने और हिंसा की निंदा करने के लिए विरोध प्रदर्शन में देरी नहीं की है।
ये प्रोटेस्ट करने वाले गाजा पट्टी में इजराइल द्वारा किए गए अत्याचारों और कथित युद्ध अपराधों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
CPI (M) ने कांग्रेस के सहयोगी और UDF के प्रमुख इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) और खासकर नॉर्थ केलर में मुस्लिम कम्युनिटी के साथ जुड़ने यानी सहयोग के मौके को खत्म कर दिया है।
ये समझते हुए कि IUML के लीडर्स और कार्यकर्ता का एक वर्ग वामपंथियों (Left) के साथ जुड़ने का इच्छुक हो सकता है। CPI (M) ने 11 नवंबर को कोझिकोड में फिलिस्तीन के लिए एकजुटता दिखाने के लिए एक कार्यक्रम के लिए इस ग्रुप को आमंत्रित किया।
इस बुलावे ने केरल की माइनॉरिटी कम्युनिटी के लिए एक मंच देने और उसे बनाए रखने की जरूरत को साफ कर दिया है।
हालांकि, इसके बाद की घटनाओं से राजनीतिक ऑब्जर्वर हैरान रह गए हैं। इस बुलावे को तुरंत मना करने के बजाय, IUML कुछ समय तक इस बुलावे के साथ बैठा रहा, और आखिर में नियमों की बात लेकर उसने इसे रिजेक्ट कर दिया।
CPI ने जबकि बेफिक्र होकर इस प्रस्ताव को इस उम्मीद में खुला रखा कि इससे उम्मीद है कि मुस्लिम कम्युनिटी के मंचों की गलतियां उजागर करेगा, जो अधिकांश मुद्दों पर एकजुट हैं।
इसके अलावा, मलाबार में कांग्रेस के भीतर फूट को पहचानते हुए, CPI (M) ने उन सभी लोगों को एकजुटता आमंत्रण कार्यक्रम में बुलाया, जो फिलिस्तीन के सवाल पर कांग्रेस की दुविधा से खुश नहीं है।

आउट रीच के इस दौर में वामपंथी IUML समर्थक मुस्लिम स्कोलर समस्त केरल जेम-इयाथुल उलमा के समर्थन से उत्साहित थे। IUML के निर्णय के बावजूद, इन धर्म समुदायों ने वामपंथी पार्टी के कार्यक्रम में अपना एक प्रतिनिधि भेजा।
कांग्रेस, जिसने शुरू से ही इस बात पर जोर दिया था कि IUML इस कार्यक्रम में शामिल न हो, यह देखकर हैरान रह गई कि उसके निमंत्रण को अस्वीकार करने में समय लग गया।
IUML नेतृत्व को बहुत निराशा हुई, केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) ने सार्वजनिक रूप से केरल में अपने सबसे पुराने अलाइन को याद दिलाया कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (मणिपुर) और संघर्ष जैसे मुद्दों पर पहले भी लेफ्ट पार्टी के साथ कोई कैंपेन नहीं चलाया गया था। इन मुद्दों पर दोनों पार्टियों का रुख एक जैसा था।
साथ ही, कांग्रेस ने बार-बार अपमान के बावजूद IUML तक पहुंचने के लिए CPI (M) पर तंज कसा और कहा कि CWC एक प्रपोजल के तहत फिलिस्तीनियों को बिना शर्त अपना समर्थन देने वाली पहली पार्टी थी।
हालांकि, ये सच हो सकता है कि ये किस्सा इस बात को भी बताता है कि वोटर्स को नेशनल पार्टी इस मुद्दे पर उलझी हुयी लग सकती है। इस बात को समझते हुए PCC ने 23 नवंबर को कोझिकोड में इसी तरह की रैली की घोषणा की और कहा कि इसमें IUML को भी बुलाया जाएगा।
अपने बताए गए इस उद्देश्य के अलावा, कांग्रेस इस मंच का उपयोग IUML को ये बताने के लिए करना चाहती है कि उसके मन में इसे लेकर कोई दुविधा नहीं है।

इस मौके का फायदा उठाते हुए बीजेपी ने बचाव का रुख अपनाया है, और हमास के आतंक पर ध्यान लगाते हुए राज्य भर में चार रैलियां करने की बात कही है।
पार्टी को उम्मीद है कि इससे उसे ईसाई मतदाताओं का विश्वास फिर से हासिल करने में मदद मिलेगी, जो मणिपुर में लंबे समय तक चले दंगों और पूर्वोत्तर में स्थिति को नियंत्रण में लाने में सरकार की विफलता के कारण अलग-थलग हो गए हैं।
लेखक: हिरन उन्नीकृष्णन
Source: The Hindu
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