



बीजिंग/वॉशिंगटन1 घंटे पहले
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तस्वीर अमेरिका के लेटेस्ट वॉरशिप और एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस गेराल्ड फोर्ड की है।
चीन ने अमेरिकी नेवी वॉरशिप्स से मुकाबले के लिए इनके मॉडल बनाए हैं। इन मॉडल्स को देश के किसी रेगिस्तानी इलाके में रखा गया है। वहां चीन के नौसैनिक इन पर निशाना साधकर प्रैक्टिस कर रहे हैं। यह जानकारी सैटेलाइट इमेजरी कंपनी ‘प्लेनेट लैब्स’ की हाल ही में जारी कुछ तस्वीरों से हुआ है। इस पर एक रिपोर्ट ‘बिजनेस इनसाइडर’ वेबसाइट ने पब्लिश की है।

चीन ने अमेरिका के कई वॉरशिप्स के मॉडल बनाए हैं। इनमें अमेरिका के सबसे लेटेस्ट और सुपर एयरक्राफ्ट (वॉरशिप) यूएसएस गेराल्ड फोर्ड का मॉडल भी शामिल है।
लेटेस्ट वॉरिशिप का मॉडल भी शामिल
- मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चीन ने अमेरिका के कई वॉरशिप्स के मॉडल बनाए हैं। इनमें अमेरिका के सबसे लेटेस्ट और सुपर एयरक्राफ्ट (वॉरशिप) यूएसएस गेराल्ड फोर्ड का मॉडल भी शामिल है। एक्सपर्ट्स को लगता है कि ये सभी मॉडल तकालामैकन रेगिस्तान में रखे गए हैं।
- एक नेवी एक्सपर्ट ने कहा- सैटेलाइट इमेजेस में जिस तरह इनकी लोकेशन मिली है, उससे साफ हो जाता है कि इन मॉडल के जरिए चीनी नेवी इन पर निशाना साधने के प्रैक्टिस कर रही है, ताकि जरूरत होने पर वो इन पर कब्जा कर सके या उन्हें तबाह कर सके। लेकिन, ये सच्चाई से बहुत दूर की बात है। इसकी वजह यह है कि किसी भी वॉरशिप को बाहर से देखकर उसकी ताकत का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।
- ये सैटेलाइट इमेजेस 1 जनवरी को ली गईं थीं और इसके बाद इनका पूरी जांच की गई। अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसियों के पास पहले से यह इमेजेस और इनकी डीटेल्स मौजूद हैं।

यूएसएस गेराल्ड फोर्ड इस वक्त दुनिया का सबसे बड़ा और ताकतवर एयरक्राफ्ट कैरियर और वॉरशिप है। कई करोड़ की लागत से बना गेराल्ड फोर्ड एक दिन में आराम से 220 एयरस्ट्राइक्स को अंजाम दे सकता है।
वॉरशिप की लंबाई चौंकाने वाली
- सैटेलाइट इमेज सामने आने के बाद पता चला कि एक मॉडल तो करीब 1085 फीट लंबा है। इसकी लंबाई इतनी इसलिए रखी गई है, ताकि चीनी सैनिकों को इस अमेरिकी वॉरशिप की परफेक्ट साइज और शेप का अंदाजा हो सके। हालांकि, मॉडल का रंग काला रखा गया है।
- एक और खास बात यह है कि वॉरशिप की लोकेशन और उसके डेक को ठीक उसी तरह मॉडल के रूप में तैयार किया गया है, जैसा ये ऊपर से नजर आता है। इमेजेस में कुछ खास मार्क नजर आते हैं। माना जाता है कि ये मार्क सैनिकों को यह बताने के लिए हैं कि हमला कहां और किस हथियार से किया जाए।
- अब तक तीन इमेजेस ही जारी की गईं हैं और ये तीनों अलग-अलग वॉरशिप्स के मॉडल हैं। इसके मायने ये हुए कि चीन मोटे तौर पर सैनिकों इस बात के लिए तैयार करना चाहता है कि अमेरिका के पास किस तरह के वॉरशिप हैं।

वॉरशिप की लोकेशन और उसके डेक को ठीक उसी तरह मॉडल के रूप में तैयार किया गया है, जैसा ये ऊपर से नजर आता है। इमेजेस में कुछ खास मार्क नजर आते हैं।
चीन की नजर गेराल्ड फोर्ड पर ही क्यों
- रिपोर्ट के मुताबिक- यूएसएस गेराल्ड फोर्ड इस वक्त दुनिया का सबसे बड़ा और ताकतवर एयरक्राफ्ट कैरियर और वॉरशिप है। कई करोड़ की लागत से बना गेराल्ड फोर्ड एक दिन में आराम से 220 एयरस्ट्राइक्स को अंजाम दे सकता है। इतना ही नहीं इस पर कुल 90 फाइटर जेट्स मौजूद रहते हैं।
- इसका फ्लाइट डेक ही करीब पांच एकड़ में बना है। ये एक बार में 4660 सैनिकों को ले जा सकता है और जंग की हालत में 75 हेलिकॉप्टर्स भी इस पर मौजूद रह सकते हैं।
- रिपोर्ट में एक एक्सपर्ट के हवाले से कहा गया- चीन इस तरह के मॉडल कई साल से बना रहा है और उसका मकसद जो भी हो, लेकिन ये हकीकत से काफी दूर नजर आता है।
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