Praggnanandhaa vs Magnus Carlsen: फिडे वर्ल्ड कप चेस टूर्नामेंट के फाइनल की दोनों बाज़ी ड्रॉ रहीं. अब फाइनल का फैसला टाईब्रेक ज़रिए होगा.
फिडे विश्व कप शतरंज टूर्नामेंट ( Image Source : ChessBase India )
Praggnanandhaa vs Magnus Carlsen Chess Final Tie-Break: फिडे वर्ल्ड कप चेस टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला प्रज्ञानानंद और कार्लसन के बीच खेला गया, जिसकी दोनों बाज़ी ड्रॉ पर खत्म हुईं. फाइनल में 18 वर्षीय रमेशबाबू प्रज्ञानानंद के सामने दुनिया के नंबर वन खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन हैं. दोनों के बीच बहेद ही कड़ा मुकाबाला देखने को मिला. अब दोनों बाज़ी ड्रॉ होने के बाद 24 अगस्त (आज) को टाईब्रेक के ज़रिए फैसला होगा. आइए जानते हैं क्या कहते हैं टाईब्रेक के नियम.
ऐसे हैं टाईब्रेक के नियम
- फिडे वर्ल्ड कप चेस टूर्नामेंट के फाइनल में दो क्लासिकल बाज़ी होती हैं. अगर दोनों ही बाज़ियां ड्रॉ पर खत्म होती हैं, तो टाईब्रेक के ज़रिए फैसला किया जाता है.
- टाईब्रेक में 25-25 मिनट की दो बाज़ी होती हैं. अगर ये दोनों बाजी भी ड्रॉ रहती हैं, तो फिर 10-10 की बाज़ियों के ज़रिए फैसला किया जाएगा. अगर इसके बाद भी विजेता तय नहीं हो पता है, तो 5-5 मिनट की दो बाज़ियां और फिर 3-3 मिनट की बाज़ियों तक भी खेल ले जाया जा सकता है.
- फिड वर्ल्ड कप चेस टूर्नामेंट के ज़रिए तीन खिलाड़ी कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई करेंगे, जिसमें प्रज्ञानानंद ने वर्ल्ड कप चेस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने के साथ ही कैंडिडेट्स के लिए क्वालिफाई कर लिया है.
- कैंडिडेट्स में कुल 8 खिलाड़ी होते हैं, जिसका विनर अगले साल वर्ल्ड कप चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को चुनौती पेश करेगी और विजयी होने पर उसे वर्ल्ड चैंपियन कहा जाएगा.
ऐसा रहा प्रज्ञानानंद का फाइनल का सफर
बता दें कि प्रज्ञानानंद ने फाइनल में जगह बनाने के लिए सेमीफाइनल में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फाबियानो करूआना को 3.5-2.5 से हराया था. गौरतलब है कि प्रज्ञानानंद फाइनल में पहुंचने वाले महज़ दूसरे भारतीय बने हैं. उनसे पहले महान खिलाड़ी विश्वनाथ आनंद वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बनाने में कामयाब हुए थे. अब देखना दिलचस्प होगा कि टाईब्रेक में वे प्रज्ञानानंद क्या फाइनल का खिताब जीत पाते हैं या नहीं.