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फुटेज रूसी क्षेत्र बश्कोर्तोस्तान के बेमक शहर का है। इसमें प्रदर्शनकारी पुलिस पर बर्फ के गोले फेंकते नजर आ रहे हैं।
रूसी क्षेत्र बश्कोर्तोस्तान में तीन दिनों से विरोध प्रदर्शन हो रहा है। वहां की एक कोर्ट ने 17 जनवरी को ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट अल्सिनोव को जेल की सजा सुनाई। इनके बाद उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। शुक्रवार को पुलिस ने 7 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया।
BBC ने लोकल मीडिया के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा कि कोर्ट के बाहर हजारों लोगों ने माइनस 20 डिग्री सेलसियस तापमान में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर स्नोबॉल भी फेंके। पुलिस ने इन्हें रोकने के लिए टीयर गैस का इस्तेमाल किया।
एक्टिविस्ट अल्सिनोव को नफरत फैलाने के आरोप में 4 साल की जेल की सजा सुनाई गई है।
प्रदर्शन से जुड़ी तस्वीरें…

बेमक शहर में करीब 10 हजार लोग सड़कों पर उतरे। तस्वीर में लोग पुलिस पर बर्फ के गोले फेंकते हुए नजर आ रहे हैं।

बेमक शहर में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने खुद को बचाने के लिए शिल्ड का इस्तेमाल किया।

तस्वीर में पुलिस एक प्रदर्शनकारी को गिरफ्तार करती नजर आ रही है।

19 जनवरी को बश्कोर्तोस्तान की राजधानी ऊफा के कई इलाकों में भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहे।
एक्टिविस्ट ने पुतिन का विरोध भी किया था
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक एक्टिविस्ट अल्सिनोव ने पिछले साल रूस-यूक्रेन जंग के लिए बश्कोर्तोस्तान के लोगों की सेना में भर्ती का विरोध किया था। उन्होंने कहा था- यह हमारी जंग नहीं है। इसे पुतिन के विरोध के तौर पर देखा गया था।
यह पहली बार नहीं है जब रूस में विरोध करने पर किसी को सजा सुनाई गई हो। इसके पहले जनवरी 2023 में रूस ने एक 19 साल की लड़की को आतंकी घोषित कर उसका नाम आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल कर दिया था। उसे घर में नजरबंद भी कर दिया था। ओलेसा क्रिवत्सोवा ने अक्टूबर 2022 में यूक्रेन जंग को लेकर रूस का विरोध किया था।

रूसी पुलिस ने ओलेसा क्रिवत्सोवा के पैर पर ट्रैकिंग डिवाइस लगा दिया था। इसके बाद ओलेसा ने अपने पैर पर एक स्पाइडर का टैटू बनवाया। इस स्पाइडर की बॉडी को पुतिन के चेहरे से रिप्लेस कर दिया था।
रूस में विरोध प्रदर्शन आम बात नहीं
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक रूस में विरोध प्रदर्शन आम बात नहीं है। इसकी वजह वहां का सख्त कानून है। विरोध करने वाले लोगों को फौरन गिरफ्तार कर लिया जाता है। 2022 में छिड़ी रूस-यूक्रेन जंग के बाद से कानून और भी ज्यादा सख्त हो गया है। तीन दिन से जारी विरोध प्रदर्शन को बेहद संवेदनशील कहा जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि मार्च में रूस में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। राष्ट्रपति पुतिन छह साल के नए कार्यकाल के लिए खड़े हैं।
40 परिवारों को देश छोड़ना पड़ा था
2022 में यूक्रेन पर हमले के विरोध में अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े होने वाले 40 रूसी परिवारों को देश छोड़ना पड़ा था। इनमें से एक थीं मॉस्को की मैथ टीचर इरिना जोलकिना। उन्होंने युद्ध विरोधी प्रदर्शन में भाग लिया था। नतीजा ये हुआ कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया। कुछ घंटे बाद उसे छोड़ा गया, लेकिन इतना डरा दिया गया कि उसने अपने चार बच्चों और बेटी के बॉयफ्रेंड के साथ रूस ही छोड़ दिया।
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7 से 11 साल की उम्र से बच्चे रूस-यूक्रेन युद्ध का विरोध करने के लिए अपनी मां के साथ मॉस्को में युक्रेन दूतावास के बाहर पहुंचे थे। नन्हें-नन्हें हाथों में ‘नो टू वॉर’ के बैनर लिए यह बच्चे पुतिन सरकार को बिलकुल भी हजम नहीं हुए और इन्हें रूस पुलिस अपनी वैन में बिठाकर पुलिस स्टेशन ले गई। पढ़ें पूरी खबर…
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