Saturday , 2 August 2025
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स्वच्छता में औंधे मुंह गिरा स्मार्ट सिटी करनाल:कांग्रेस बोली- हमें शर्म महसूस हो रही है; मुख्यमंत्री को जनता से माफी मांगनी चाहिए

करनाल स्मार्ट सिटी स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में औंधे मुंह गिरने पर विपक्ष को BJP को घेरने का एक बड़ा मुद्दा मिल गया है।

कांग्रेस स्मार्ट सिटी की रैंकिंग पर अफसोस जता रही है। कांग्रेस के जिला संयोजक त्रिलोचन सिंह ने BJP को घेरते हुए कहा कि जिस सरकार को करनाल की जनता ने 10 साल पहले सत्ता सौंपी थी, वह सरकार करनाल को पिछड़ेपन का शिकार बनाने में लगी हुई है।

करनाल शानदार और शांत शहर हुआ करता था। लेकिन बीजेपी ने करनाल के साथ झूठ और धोखा किया। स्मार्ट सिटी के नाम पर एक हजार करोड़ खर्च करने के बावजूद भी करनाल 30 पायदान नीचे लुढ़क गया है। सर्वे के लिए जो टीम पीछे आई थी, उनको अच्छे अच्छे होटलों में ठहराया गया, आवभगत पर पैसा भी खर्च किया गया।

रैंकिंग पर कांग्रेस को भी आ रही शर्म
त्रिलोचन सिंह ने प्रेसवार्ता कर कहा कि जब कांग्रेस ने मीडिया के साथ शहर की स्वच्छता का जायजा लिया था तो बीजेपी के नेताओं ने कहा था कि अभी स्वच्छता सर्वे का रिजल्ट नहीं आया है, लेकिन आज रिजल्ट आ चुका है। अब बीजेपी वालों के पास क्या जवाब है। अखबारों की सुर्खियों में लिखा हुआ है कि करनाल स्वच्छता में पिछड़ा है, क्या बीजेपी इसका जवाब दे पाएगी।

पत्रकार वार्ता में जानकारी देते सरदार त्रिलोचन सिंह।

पत्रकार वार्ता में जानकारी देते सरदार त्रिलोचन सिंह।

उन्होंने कहा कि डीसी कार्यालय के प्रांगण तक में कचरे के ढेर लगे रहते हैं। स्वच्छता के हालात क्या हैं वे किसी से छिपे नहीं हैं। पिछले साल करनाल स्वच्छता में 85वें नंबर पर था, लेकिन आज यह 115वें नंबर पर चला गया है और इस रैंकिंग पर कांग्रेस भी शर्म महसूस कर रही है। बीजेपी को शर्म आ रही है या नहीं, इसका कुछ नहीं कह सकते।

हर महीने करोड़ों खर्च और रिजल्ट जीरो
शेखपुरा के पास बनाया गया कचरा प्लांट पर प्रति महीने 3.10 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। शौचालयों पर लाखों खर्च होने के बावजूद भी वहां ताले लगे हुए हैं। बिजली के बिलों की अदायगी न करने पर लाइट बंद पड़ी है। शौचालयों में पानी की व्यवस्था नहीं है। पांच से दस कर्मचारी ही शौचालयों की देखरेख के लिए हैं।

साढ़े छह लाख रुपए महीना सफाई के लिए रखा हुआ है, लेकिन उसके बावजूद भी शौचालयों के हालात ठीक नहीं हैं। अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार गबन करने में लगे हुए हैं। ऐसे ही पानी की निकासी, पार्क की व्यवस्थाओं पर खर्च किया गया, लेकिन रिजल्ट जीरो रहा है।

विकसित भारत यात्रा के नाम पर स्केम
त्रिलोचन सिंह ने विकसित भारत यात्रा को स्केम बताया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी अपनी पार्टी का प्रमोशन कर रही है और खर्च सरकार का हो रहा है। सरकारी मशीनरी का धड़ल्ले से दुरुपयोग किया जा रहा है। न तो कोई बोलने वाला है और न ही कोई सुनने वाला है।

बीजेपी सिर्फ स्मार्ट और विकास के नाम पर ढकोसला करती आ रही है। और जनता के पैसे को बर्बाद करने का काम कर रही है। दो तीन पार्षद तो करोड़ों रुपए कमा रहे हैं, लेकिन अन्य पार्षद रो रहे हैं कि उनके काम ही नहीं हो रहे हैं। मुख्यमंत्री को करनाल के लोगों से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि वे जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए हैं। जिन अधिकारियों ने स्वच्छता सर्वेक्षण में हिस्सा लिया, उनसे भी जवाब लिया जाना चाहिए।

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