



ब्यूनस आयर्स40 मिनट पहले
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जेवियर मिलेई को अर्जेंटीना का डोनाल्ड ट्रम्प भी कहा जाता है। वो खुद ट्रम्प के फैन हैं। ट्रम्प ने उन्हें जीत की बधाई भी दी है।
दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेंटीना में प्रेसिडेंशियल इलेक्शन के नतीजे सामने आ चुके हैं। कट्टर राष्ट्रवादी और दक्षिणपंथी नेता जेवियर मिलेई नए राष्ट्रपति बनेंगे। 53 साल के मिलेई को 58% से ज्यादा वोट मिले। वामपंथी नेता सर्जियो मासा को करीब 44% मत मिले।
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक- जेवियर को उनके आलोचक अकसर ‘पागल आदमी’ कहते हैं। कैम्पेन के दौरान जेवियर ने ब्यूरोक्रेसी और सरकारी खर्च में जबरदस्त कटौती का वादा किया था। वो कल्चर, वुमन, हेल्थ और एजुकेशन मिनिस्ट्री बंद करना चाहते हैं।

जेवियर की जीत को ‘पॉलिटिकल अर्थक्वेक’ यानी राजनीतिक भूकंप बताया जा रहा है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जेवियर को जीत की बधाई दी।
सियासी भूकंप
- जेवियर की जीत को ‘पॉलिटिकल अर्थक्वेक’ यानी राजनीतिक भूकंप बताया जा रहा है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जेवियर को जीत की बधाई दी। कहा- वो अर्जेंटीना को फिर महान बनाएंगे। खास बात यह है कि जेवियर को अकसर लोकल मीडिया ‘अर्जेंटीना का डोनाल्ड ट्रम्प’ कहता है।
- ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेर बोल्सोनारो ने कहा- पूरी उम्मीद है कि साउथ अमेरिका रीजन में जेवियर चमक बिखेरेंगे। जेवियर ने कैम्पेन में बड़े बदलावों का वादा किया था। वो लोकल करंसी (पेसो) को बंद करके अमेरिकी डॉलर का इस्तेमाल करना चाहते हैं। इसके अलावा देश के सबसे बड़े बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ अर्जेंटीना को भी बंद करना, उनके चुनावी वादों में शामिल है।
- एक चीज जिस पर सभी की नजर रहेगी और मंत्रालयों को बंद करने के हवाले से है। दरअसल, जेवियर वेलफेयर स्कीम्स पर खर्च होने वाले पैसे में बड़ी कटौती चाहते हैं। इसके अलावा कल्चर, वुमन, हेल्थ और एजुकेशन मिनिस्ट्री बंद करना भी उनके चुनावी वादों में शामिल हैं। ब्यूरोक्रेसी में भी वो बहुत बड़ी कमी का वादा कर चुके हैं। उनके हिसाब से देश के विकास के लिए इस फिजूलखर्ची को रोकना जरूरी है।

अर्जेंटीना में इस वक्त महंगाई दर 143% है। देश की 40% आबादी गरीब है। नतीजे आने के बाद जेवियर ने कहा- भरोसा कीजिए। हम नई शुरुआत कर रहे हैं।
मानव अंगों की खरीद-फरोख्त को मंजूरी देंगे
- जेवियर के चुनावी वादों की फेहरिस्त यहीं खत्म नहीं होती। इस कट्टरपंथी नेता ने कुछ अजीब काम करने का भरोसा भी वोटर्स को दिलाया था। उनके मुताबिक- अर्जेंटीना में गन लॉ यानी बंदूक रखने के कानूनों को लचीला बनाएंगे। देश में 2020 में गर्भपात कानून को मंजूरी दी गई थी। वो इसे भी खत्म करेंगे और ह्यूमन ऑर्गन्स यानी मानव अंगों की खरीद-फरोख्त को मंजूरी देंगे।
- अब बात अर्जेंटीना के वर्तमान हालात की। महंगाई दर 143% है। देश की 40% आबादी गरीब है। चुनाव के पहले जो सर्वे आए थे, उनमें जीत का अंतर काफी कम होने की बात कही गई थी। हालांकि, ये 11% के करीब है। नतीजे आने के बाद जेवियर ने कहा- भरोसा कीजिए। हम नई शुरुआत कर रहे हैं। एक वक्त यह देश दुनिया में सबसे अमीर था। आज हमारी रैंक 130वीं है। हमें फिर ग्लोबल पॉवर बनना होगा। इसकी तैयारी कर लीजिए।

जेवियर को जीत भले ही मिल गई हो, लेकिन उनकी पार्टी को संसद में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं है। ऐसे में उन्होंने दूसरी पार्टियों का समर्थन और मदद जरूरी होगा।
प्रचार में आरी लेकर आते थे
- इलेक्शन कैम्पेन के दौरान जेवियर आरी लेकर चलते थे। दरअसल, वो मतदाताओं को यह मैसेज देना चाहते थे कि सरकारी खर्च ने देश को तबाह कर दिया है और इसमें सख्ती से कटौती की जाएगी। हालांकि, आलोचना के बाद उन्होंने आरी लेकर चलना बंद कर दिया।
- जेवियर की जीत से ज्यादातर आम नागरिक खुश हैं। न्यूज एजेंसी ‘एएफपी’ से बातचीत में एक महिला ने कहा- हम थक चुके थे। कुछ नया चाहते हैं। उम्मीद है जेवियर हमारी जिंदगी में बेहतर बदलाव लाएंगे और देश भी परिवर्तन देखेगा।
- अब बात सियासी समीकरण की। दरअसल, जेवियर को जीत भले ही मिल गई हो, लेकिन उनकी पार्टी को संसद में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं है। ऐसे में उन्होंने दूसरी पार्टियों का समर्थन और मदद जरूरी होगा। उन्होंने विक्टोरिया विलारुएल को वाइस प्रेसिडेंट कैंडिडेट बनाया था। विक्टोरिया पर मानवाधिकार उल्लंघन को समर्थन देने के आरोप हैं। जेवियर और विक्टोरिया 10 दिसंबर को शपथ लेंगे। कार्यकाल चार साल होगा।
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