



टोक्यो35 मिनट पहले
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अमेरिका में बने चिनूक हेलिकॉप्टर भी इस एक्सरसाइज का अहम हिस्सा हैं। कुछ फाइटर जेट्स बाद में शामिल होंगे।
जापान ने रूस, चीन और नॉर्थ कोरिया की जुगलबंदी से बढ़ रहे खतरे के खिलाफ सैन्य तैयारियां शुरू कर दी हैं। रविवार से जापान की फौज ने देश के दक्षिण-पश्चिम द्वीप टोकुनोशिमा पर स्पेशल मिलिट्री यूनिट को 11 दिन की एक्सरसाइज के लिए भेज दिया।
यह आईलैंड पूर्वी चीन की सीमा के काफी करीब है और चीन की नेवी अकसर इस क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश करती है। नॉर्थ कोरिया की कुछ मिसाइलें टेस्ट के दौरान इसी इलाके में गिरी थीं और जापान ने इस पर सख्त ऐतराज जताया था।

इस एक्सरसाइज के जरिए जापानी सेना का पहला मकसद चीन को काउंटर करने की तैयारी करना है। इसलिए ड्रिल में नेवी कमांडो फोर्स को भी शामिल किया गया है।
चीन पर ही फोकस
- अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस एक्सरसाइज के जरिए जापानी सेना का पहला मकसद चीन को काउंटर करने की तैयारी करना है। इसकी वजह यह है कि साउथ चाइना सी की तर्ज पर चीन की नेवी इस इलाके में भी धीरे-धीरे दायरा बढ़ाने की कोशिश कर रही है। अब तक चार मौके ऐसे आए जब जापान की फिशिंग ट्रॉलर्स को चीन की सेना ने रोकना चाहा। हालांकि, बाद में बातचीत से मामला सुलझ गया था।
- जापान सेना ने इस एक्सरसाइज ‘मुस्तैदी’ नाम दिया है। इसके साथ ही नेवी और एयरफोर्स भी अलग-अलग इलाकों में मिलिट्री ड्रिल कर रही हैं। कुछ दिन पहले इसके लिए कोड नेम 05जेएक्स नाम दिया गया था। इस एक्सरसाइज का मकसद जापान के इन्फ्रास्ट्रक्चर को महफूज रखने के अलावा न्यूक्लियर प्लांट्स का फूल प्रूफ प्रोटेक्शन भी है।
- जापान की सेना के चीफ ऑफ स्टाफ योशिहिदे योशिदा ने कहा- ड्रिल के जरिए हम यह परखने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर इमरजेंसी के हालात बनते हैं, बाहर से कोई हमला होता है तो हमारा जवाब और तैयारी कैसी रहेगी।

तस्वीर जापान की सेना ने जारी की है। इसमें बताया गया है कि मिलिट्री हेल्थ सर्विस को भी इस एक्सरसाइज में बुलाया गया है।
देश में बनी स्पेशल बोट्स का इस्तेमाल
जापान की मिलिट्री इस एक्सरसाइज में दो और बड़े काम करने जा रही है। इस एक्सरसाइज में उसके साथ अमेरिकी सेना नहीं है। जापान ने हाल ही में कुछ नेवी व्हीकल या कहें मिलिट्री बोट्स तैयार की हैं। ये हाईली एडवांस्ड और सिक्स्थ जेनरेशन वाली बोट्स हैं। इन्हें सेल्फ डिफेंस फोर्स यूनिट के हवाले किया गया है और इस एक्सरसाइज में इन बोट्स का पहली बार इस्तेमाल किया जाएगा।
इन बोट्स या मिनी शिप्स के अलावा जापान की नेवी खास तरह की रबर बोट्स का भी ऑन ग्राउंड टेस्ट करेगी। इन बोट्स में अहम ये है कि इन्हें कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है और जरूरत होने पर काफी तेजी से पैक भी किया जा सकता है। नेवी एक्सरसाइज के दौरान खास तरह के हूवरक्राफ्ट भी परखे जाएंगे और ये आसमान से इस एक्सरसाइज पर नजर रखने के साथ डेटा भी जुटाएंगे।

जापान ने दो साल में नेवी के लिए एडवांस्ड मिनी शिप, बोट्स और गन तैयार की हैं। इनका इस्तेमाल पहली बार इस एक्सरसाइज में किया जा रहा है।
फौज पर फोकस बढ़ा रही जापान सरकार
- जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने पिछले साल दिसंबर में एक मिलिट्री प्लान पेश किया था। दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह पहली बार था जब जापान ने सैन्य तैयारियों को लेकर ब्लू प्रिंट तैयार किया और इसकी डेडलाइन के बारे में भी जानकारी दी। जापान सरकार डिफेंस बजट भी दोगुने से ज्यादा कर चुकी है। इसके अलावा वॉर टेक्नोलॉजी में सबसे आगे रहने की तैयारियां भी बहुत तेजी से की जा रही हैं।
- पांच साल का एक डिफेंस प्रोग्राम बनाया गया है और इससे संबंध रखने वाले तमाम विभागों, सेना के तीनों अंगों और अमेरिका को भी इस प्रोग्राम की जानकारी दी गई है। पांच साल के दौरान करीब 290 अरब डॉलर डिफेंस पर खर्च किए जाएंगे। फाइटर जेट्स, वॉर शिप और सबमरीन्स खरीदे जाने हैं। अमेरिका और फ्रांस को ज्यादातर ऑर्डर दिए गए हैं। आर्मी के लिए सिक्योर्ड ट्रेनिंग प्रोग्राम बनाया गया है। अमेरिका में बने चिनूक हेलिकॉप्टर पहली बार किसी एक्सरसाइज में जापानी सेना इस्तेमाल करेगी।
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