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सहारनपुर-अंबाला-चंडीगढ़ रेल मार्ग पर कवच प्रणाली होगी लागू:हादसे रोकने के लिए उठाए गए कदम, 2025 तक पूरी होगी परियोजना

सहारनपुर, अंबाला, और चंडीगढ़ के बीच रेल यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए रेलवे ने अत्याधुनिक स्वदेशी ‘कवच प्रणाली’ को लागू करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इस प्रणाली के तहत लगभग 130 किलोमीटर के रेल ट्रैक को अपग्रेड किया जाएगा। यह परियोजना 2025 तक पूरी हो जाएगी, जिससे हादसों पर रोक लगाई जा सकेगी।

क्या है कवच प्रणाली? कवच एक स्वदेशी सुरक्षा प्रणाली है जिसे रेलवे ट्रैक और ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए विकसित किया गया है। इसमें लोकोमोटिव इंजन पर सेंसर और जीपीएस सिस्टम लगाए जाते हैं, जो लोको पायलट को ट्रैक में किसी भी गड़बड़ी या दो ट्रेनों के आमने-सामने आने की स्थिति में स्वचालित ब्रेक लगाने में मदद करते हैं।

डीआरएम मंजीत सिंह भाटिया ने बताया कि इस प्रणाली के तहत ट्रैक पर किसी भी प्रकार की खराबी की जानकारी लोको पायलट को तुरंत मिल जाएगी। इससे दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।

प्रणाली का विकास और परीक्षण कवच प्रणाली को पहली बार 2014-15 में दक्षिण मध्य रेलवे के 250 किलोमीटर रेल मार्ग पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया था। इसके बाद 2015-16 में यात्री ट्रेनों पर इसका पहला फील्ड परीक्षण किया गया। 2017-18 में इस प्रणाली के उन्नत संस्करण को तैयार किया गया और इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने के लिए मंजूरी दी गई।

अंबाला मंडल में कवच की कार्य योजना

कुल कार्य: अंबाला मंडल के तहत सहारनपुर, अंबाला, और चंडीगढ़ के बीच 130 किलोमीटर के रेलवे ट्रैक को कवच प्रणाली के तहत अपग्रेड किया जाएगा।

लक्ष्य: 2025 तक यह परियोजना पूरी कर ली जाएगी।

फंडिंग और कवरेज: 2024-25 तक कवच प्रणाली के तहत 30,000 किलोमीटर रेल ट्रैक को अपग्रेड करने की योजना है।

रेलवे की योजनाएं और प्रगति

  • रेलवे बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार:अब तक 1,548 किलोमीटर ट्रैक पर कवच प्रणाली का कार्य पूरा हो चुका है।
  • 3,000 किलोमीटर पर कार्य प्रगति पर है।
  • 2025-26 में 17,000 किलोमीटर के लिए नए टेंडर प्रस्तावित हैं।
  • 2026-27 तक 30,000 किलोमीटर ट्रैक को कवच के दायरे में लाने का लक्ष्य है।

कवच से यात्रियों को होगा यह फायदा

  • लोको पायलट को ट्रैक में किसी भी गड़बड़ी की जानकारी तुरंत मिलेगी।
  • आमने-सामने ट्रेनों की टक्कर की स्थिति में स्वचालित ब्रेकिंग सिस्टम सक्रिय हो जाएगा।
  • ट्रेनों की सुरक्षा के साथ समयपालन में भी सुधार होगा।

अंबाला मंडल के DRM मंजीत सिंह भाटिया ने कहा कि यह प्रणाली यात्रियों की सुरक्षा को और मजबूत करेगी। कवच प्रणाली के जरिए न केवल हादसों को रोका जा सकेगा, बल्कि रेल यात्रा का अनुभव भी अधिक सुरक्षित और सुगम होगा।

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