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1 घंटे पहले
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इस साल CUET-UG के पैटर्न में बड़े बदलाव हो सकते हैं। 12वीं के बाद इस एग्जाम के स्कोर की मदद से देश की सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में एडमिशन ले सकते हैं। इस साल ये एग्जाम 15 से 31 मई के बीच होने हैं। 2024 में पहली बार CUET UG ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में होंगे।
इस बार कम दिनों में पूरे हो जाएंगे सभी सब्जेक्ट्स के एग्जाम
NTA से जुड़े अधिकारियों ने PTI से बात करते हुए कहा कि इस साल CUET-UG के पैटर्न में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। एग्जाम का ड्यूरेशन कम किया जा सकता है। इसका मतलब है कि कम दिनों में सभी सब्जेक्ट्स के एग्जाम होंगे।
फिलहाल, अलग-अलग दिनों में अलग-अलग शिफ्टों में टेस्ट लिए जाते हैं। ऐसे में एग्जाम लगभग 1 महीने चलते हैं। अगर एक दिन एक ही सब्जेक्ट का एग्जाम लिया जाए, तो मेरिट लिस्ट बनाने के लिए नॉर्मलाइजेशन की जरूरत भी नहीं होगी।
कॉमन मेरिट लिस्ट बनाने के लिए किया जाता है नॉर्मलाइजेशन
अलग-अलग दिनों में अलग-अलग शिफ्ट्स में एक ही सब्जेक्ट के एग्जाम हों, तो हर शिफ्ट में क्वेश्चन पेपर के डिफिकल्टी लेवल के हिसाब से स्कोर को नॉर्मलाइज किया जाता है। ये एक साइंटिफिक मेथड है। अलग-अलग शिफ्टों में हुए एग्जाम के बाद एक कॉमन मेरिट लिस्ट तैयार करने के लिए स्कोर को नॉर्मलाइज किया जाता है।
दोनों मोड में एग्जाम होने से बच्चों को नजदीकी टेस्ट सेंटर मिलेंगे: UGC चेयरमैन
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में एग्जाम होने से ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स को एग्जाम देने का मौका मिलेगा। UGC के चेयरमैन जगदीश कुमार ने कहा कि जिन सब्जेक्ट्स के पेपर्स के लिए ज्यादा स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन किया हो, उसे NTA OMR बेस MCQ पेन पेपर मोड में ही कंडक्ट करेगा। इससे हमें सब्जेक्ट-वाइज एग्जाम सेंटर बनाने और सेंटरों की संख्या बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
नंबर ऑफ एप्लिकेशन के हिसाब से तय होगा एग्जाम का मोड: UGC चेयरमैन
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में एग्जाम हो सकते हैं। किसी सब्जेक्ट में एग्जाम देने के लिए कितने एप्लिकेशन आए हैं, इसके हिसाब से ये तय किया जाएगा कि एग्जाम पेन-पेपर मोड में होना है या फिर ऑनलाइन मोड में कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट लिया जाएगा।
इससे स्टूडेंट्स को उनके होम-टाउन में ही सेंटर मिलने की संभावना बढ़ जाएगी और उन्हें एग्जाम देने के लिए किसी दूसरे शहर नहीं जाना होगा। वहीं, जिन सब्जेक्ट्स में कम रजिस्ट्रेशन होंगे उनके टेस्ट ऑनलाइन लिए जाएंगे।
UGC चेयरमैन ने कहा- पिछले दो सालों तक हमें एक ही सब्जेक्ट के पेपर कई दिनों तक अलग-अलग शिफ्ट में लिए गए। ऐसे इसलिए करना पड़ा ताकि ज्यादातर स्टूडेंट्स को उनकी पसंद का फर्स्ट-चॉइस सेंटर मिल सके।
10 की जगह मैक्सिमम 6 सब्जेक्ट्स में दे सकेंगे एग्जाम
स्टूडेंट्स मैक्सिमम कितने सब्जेक्ट्स में एग्जाम दे सकते हैं, ये भी तय कर दिया जाएगा। जनरल टेस्ट के अलावा फिलहाल स्टूडेंट्स 10 सब्जेक्ट्स में एग्जाम दे सकते हैं। ये लिमिट 6 सब्जेक्ट्स तक कर दी जाएगी। UGC चेयरमैन ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि पिछले सालों में 10 सब्जेक्ट्स में पेपर देने वाले स्टूडेंट्स की संख्या काफी कम थी।
अलग-अलग कॉम्बिनेशन में स्टूडेंट्स आसानी से 6 सब्जेक्ट्स में 3-4 डोमेन पेपर, दो लैंग्वेज पेपर और एक जनरल पेपर दे सकते हैं। इससे अलग-अलग कॉम्बिनेशन में एग्जाम का शेड्यूल तैयार करने में भी आसानी होगी।
एग्जाम में मॉडरेट डिफिकल्टी लेवल के सवाल आएंगे
क्वेश्चन पेपर के डिफिकल्टी लेवल पर बात करते हुए UGC चेयरमैन ने कहा- एग्जाम मॉडरेट डिफिकल्टी का ही होगा। इससे बच्चों को एग्जाम क्रैक करने के लिए कोचिंग पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
NEET के बाद CUET-UG देश का दूसरा सबसे बड़ा एंट्रेंस एग्जाम है। 11 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स 12वीं के बाद सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए ये एग्जाम देते हैं।
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