हरियाणा में सिरसा से BJP की लोकसभा सांसद सुनीता दुग्गल ने नई दिल्ली में पार्टी के प्रदेश प्रभारी बिप्लब देव से मुलाकात की है।
दोनों नेताओं की मंगलवार को नई दिल्ली में हुई यह मुलाकात कई मायनों में खास है।
कुछ महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में सिरसा से सुनीता दुग्गल की टिकट कटने की चर्चाएं जोरों पर हैं। हरियाणा में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अशोक तंवर कई दिनों से BJP जॉइन करने की तैयारियों में जुटे हुए हैं। उनके अलावा सिरसा लोकसभा हलके में पूर्व IPS अधिकारी वी. कामराज ने भी अपना जनसंपर्क अभियान चला रखा है। कामराज इस बार यहां से BJP टिकट के दावेदारों में शामिल हैं।
मंगलवार को नई दिल्ली में BJP के हरियाणा प्रभारी बिप्लब देब से मिलने पहुंची सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल। यह मुलाकात नई दिल्ली में बिप्लब देव के आवास पर हुई।
इन तमाम चर्चाओं के बीच मौजूदा सांसद सुनीता दुग्गल भी अपनी सीट बचाने के लिए एक्टिव हो गई हैं। उन्होंने पार्टी के सीनियर नेताओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। मंगलवार को बिप्लब देव से हुई मुलाकात भी इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है।
कहा जा रहा है कि सुनीता दुग्गल ने बिप्लव देव से मिलकर आम आदमी पार्टी के नेता अशोक तंवर की BJP में एंट्री को लेकर अपना विरोध दर्ज करवाया। हालांकि किसी ने भी इसकी पुष्टि नहीं की।
दुग्गल को अपना टिकट कटने का अंदेशा क्यों?
1. सिरसा सीट पर BJP की हालत कमजोर
हरियाणा की राजनीति पर करीब से नजर रखने वाले यूथ फॉर चेंज संस्था के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल कहते हैं कि BJP ने देशभर में 2019 में अपने बूते जीती 303 लोकसभा सीटों पर कुछ समय पहले एक सर्वे कराया। इस सर्वे में 303 में से लगभग 50 सीटें ऐसी निकलीं, जहां इस बार BJP की स्थिति कमजोर है। इन 50 सीटों में 2 सीटें हरियाणा की भी हैं। इनमें से पहली सीट सिरसा और दूसरी रोहतक है।
2. वोटरों से संवाद की कमी
सिरसा में रहने वाले अशोक भाटिया कहते हैं कि 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सुनीता दुग्गल ने पूरे संसदीय हलके में धन्यवादी दौरे तक नहीं किए। वोटरों से उनका डायरेक्ट संवाद नहीं है। सिरसा का इलाका हार्डकोर किसानों की बेल्ट है, लेकिन किसान आंदोलन के दौरान सुनीता दुग्गल की भूमिका से यहां के किसान नाराज हैं। इलाके के BJP वर्कर भी सुनीता से खुश नहीं हैं। बीते लगभग 5 बरसों में उन्होंने अपने संसदीय हलके में कोई ऐसा बड़ा काम नहीं करवाया, जिसे वह वोटरों के बीच अपनी उपलब्धि के तौर पर गिनवा सकें।
3. नौकरशाह वाला रवैया
सुनीता दुग्गल के रवैये और व्यवहार से सिरसा संसदीय हलके के लोगों के साथ-साथ भाजपा वर्करों में भी नाराजगी है। BJP के ही एक कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मैडम का रवैया नौकरशाह वाला रहता है। वह ग्राउंड पर काम करने वाले वर्करों से जुड़ना ही नहीं चाहती। यही वजह है कि सिरसा संसदीय हलके में आने वाले इलाकों पर उनकी मजबूत पकड़ नहीं रही।
4. BJP में टिकट दावेदारों की लंबी लाइन
सिरसा संसदीय क्षेत्र में इन दिनों पूर्व IPS अधिकारी वी. कामराज खासे एक्टिव हैं। वह लोकसभा चुनाव में यहां से BJP टिकट के दावेदार हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) की हरियाणा इकाई के कैंपेन कमेटी के चेयरमैन अशोक तंवर के भी BJP जॉइन करने की चर्चा है। तंवर की हरियाणा सीएम मनोहर लाल से मीटिंग भी हो चुकी है। यदि तंवर BJP में आते हैं तो पार्टी उन्हें सिरसा से टिकट दे सकती है। तंवर 2009 से 2014 तक कांग्रेस पार्टी के टिकट पर यहां से लोकसभा सांसद रहे। सिरसा में आज भी तंवर के पास अपनी टीम है।
अशोक तंवर ने बीते बुधवार को नई दिल्ली में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ मीटिंग की थी।
दुग्गल बोलीं- हमेशा लोगों के लिए काम किया
इस बीच सांसद सुनीता दुग्गल ने दावा किया हैं कि उन्होंने हमेशा से लोगों के लिए काम किया। 2019 का चुनाव जीतने के बाद अपने हलके में धन्यवादी दौरे न करने पर उनका तर्क है कि कोरोना और किसान आंदोलन की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाईं।
सुनीता दुग्गल ने BJP के हरियाणा प्रभारी बिप्लब देव से मुलाकात को औपचारिक भेंट करार दिया। उन्होंने कहा कि इस मीटिंग में पार्टी के आगे के कार्यक्रमों पर चर्चा हुई।