अम्बाला छावनी -आम आदमी पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा ने आज गुरुपर्व के अवसर पर अम्बाला के अनेको गुरूघरो में शीश नवाया।चित्रा ने छावनी के गुरुद्वारा गोबिंद नगर में,गुरद्वारा दयालबाग के साथ साथ अनेको गुरूघरो में शीश नवाते हुए कहा कि अम्बाला का सिख समाज से व इन सभी गुरूघरो से बहुत पुराना नाता रहा है।हर गुरुघर के साथ कोई न कोई पुराना इतिहास जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा की गुरुघर का कोई भी स्थान हो जैसे श्री पंजोखरा साहिब जी 8 वे गुरु श्री हरिकिशन जी के नाम से जाना जाता है।श्री लखनौर साहिब जी को गुरु गोबिंद सिंह जी के नानके के नाम से जाना जाता है। साथ ही अम्बाला सिटी के ही बादशाही बाग में गुरु गोबिंद सिंह जी ने ये शब्द कहे थे की” चिड़िया नाल जे बाज लडाऊ तान गुरु गोबिंद सिंह नाम कहउँ ” ऐसी धरती जहाँ अनेको गुरुवों का आना रहा हो ऐसी धरती को प्रणाम करना चाहिए।
बहुत पुराना नाता है सिख समाज से अम्बाला के इतिहास का :-चित्रा सरवारा
गुरुद्वारा साहिब में श्री पालकी साहिब को नमन करते हुए उन्होंने गुरु की संगत को कहा कि आप सभी को परिवार सहित प्रथम पातशाही श्रीगुरु नानक देव जी के प्रकट दिवस की हार्दिक बधाई। श्री गुरू नानक देव जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन मानवता की सेवा में लगा दिया।उन्होंने समाज में फैली बुराइयों व भ्रांतियों को दूर करने के लिए अपना जीवन एक आदर्श के रूप में समाज के सामने रखा। श्रीगुरू नानक देव जी ने आतातायी बाबर के अत्याचारों के विरुद्ध आवाज उठाते हुए उस “अकाल पुरख” को उलाहना देते हुए कहा “ऐती मार पई कुरलाने तैं कि दर्द न आया”। श्री गुरुनानक देव जी ने लोगो को हक़ की, सच्चाई की, मेहनत की,व पुण्य की रोटी खाने का आह्वान किया और उसका कृति रूप मालिक भागो व भाई लालो की रोटी में अंतर के रूप में बताया। श्रीगुरू नानक देव जी समाज में जाति प्रथा को सबसे बड़ा अभिशाप मानते थे उन्होंने जीवन भर इस अभिशाप को दूर करने, लोगो को प्रभु नाम से जोड़ने के लिए चार “उदासी” कर बहुत बड़ा जनजागरण किया। आज उनके प्रकट दिवस पर हम सबको उनकी शिक्षाओं पर चलने का प्रण लेना चाहिए।
साथ ही चित्रा ने कहा की हमारे सिक्ख समाज की एक बहुत पुरानी मांग है की सिक्ख गुरुवों के नाम से उनका एक ऑडिटोरियम हो जिसका नीव पत्थर भी छावनी में फायर ब्रिगेड के पास रखा गया था जिसके लिए लगभग 5 लाख रुपये की राशि भी पूर्व की सरकार ने मंजूर कर दी थी परंतु वो श्री गुरु गोबिंद सिंह ऑडिटोरियम की मांग आज तक अधूरी है। चित्रा ने कहा की इसी प्रकार हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा भी अम्बाला या उसके आस-पास सिख म्यूजियम व गुरु गोबिंद सिंह यूनिवर्सिटी की घोषणा की गईं थी। परंतु आज 9 वर्ष बीत जाने के बाद भी वो मांग आज तक अधूरी है इस पर भी माननीय मुख्यमंत्री को जल्द विचार कर काम शुरू कराना चाहिए। ताकि नई आने वाली पीढ़ी को भी हमारे गुरुवों की कुर्बानियो का ज्ञान मिल सके।
उन्होंने कहा की सरकार को सिक्ख समाज के ऑडिटोरियम,सिख म्यूजियम, गुरु गोबिंद सिंह यूनिवर्सिटी की मांग को जल्द से जल्द पूरा कर देना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा की अम्बाला सिखों की ऐतिहासिक धरती है।जहाँ पर हमारे अनेको सिख गुरुवों का आना जाना रहा है। उन्होंने कहा की सिख समाज मे हमेशा गुरुवों का संदेश देते हुए देश,प्रदेश व अम्बाला में कोई भी अप्रकर्तिक आपदा आयी हो या फिर कोई भी बाढ़ जैसी घटनाये हुई हो सिख समाज ने हमेशा बढ़चढ़कर भाग लिया है।इस अवसर पर सिख समाज के गणमान्य लोग जीवनजोत सिंह सलूजा, हरजीत सिंह रत्ता, नवनीत सिंह,जोगिंदर सिंह,बलबीर सिंह,गुरकिरपाल सिंह जस्सल,राजिंदर सिंह जोहल,गुरदीप सिंह,जसदीप सिंह इत्यादि भी चित्रा सरवारा जी के साथ मौजुद रहे।