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शंभू-खनौरी के साथ डबवाली बॉर्डर पर भी धरना देंगे किसान:शुभकरण के भोग तक दिल्ली कूच टाला; आज पंजाबी कलाकार आंदोलन में शामिल होंगे

पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे किसानों के आंदोलन का आज (2 मार्च) 19वां दिन है।

किसान MSP की गारंटी का कानून बनाने समेत अन्य मांगों को संघर्ष कर रहे हैं। शुभकरण का भोग न होने तक किसान दिल्ली कूच नहीं करेंगे। आज पंजाब के कलाकार किसानों को सपोर्ट करने के लिए बॉर्डर पर पहुंचेंगे।

पिछले किसान आंदोलन को पंजाबी कलाकारों ने काफी बल दिया था और युवाओं को जोड़ने का काम किया था।

इसके अलावा किसान नेताओं ने ऐलान किया है कि अब किसान आंदोलन शंभू-खनौरी बॉर्डर के साथ-साथ डबवाली बॉर्डर पर भी किसानों का धरना जारी रहेगा। 3 मार्च को शुभकरण का भोग है, तब तक कोई मूवमेंट नहीं रहेगी।

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि 3 मार्च को अगली रणनीति बनाई जाएगी।

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि 3 मार्च को अगली रणनीति बनाई जाएगी।

शुभकरण की मौत के बाद टाल दिया था फैसला
21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर शुभकरण सिंह की मौत के बाद किसानों ने दिल्ली कूच का फैसला 29 फरवरी तक के लिए टाल दिया था, लेकिन 29 फरवरी को भी किसानों के दिल्ली कूच को लेकर कोई नई घोषणा नहीं की। अब किसान आगे बढ़ने का फैसला शुभकरण के भोग के बाद ही लेंगे।

किसान नेता सरवन पंधेर और जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि शुभकरण की आध्यात्मिक शांति के लिए 3 मार्च को अंतिम अरदास की जाएगी। जिसके बाद ही अब आगे बढ़ने का फैसला लिया जाएगा। शुभकरण का बीते कल (29 फरवरी) ही अंति संस्कार किया गया है।

इस बीच मांगों को लेकर सभी ‎किसान संगठनों के फिर से एक मंच‎ पर आने की संभावना बनने लगी है।‎ क्योंकि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की 6 मैंबरी ‎कोआर्डिनेशन कमेटी ने दिल्ली कूच ‎कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर ‎राजनीतिक) और किसान मजदूर ‎मोर्चा से तालमेल करना शुरू कर दिया ‎है।

अब पंधेर व डल्लेवाल ग्रुप के दोनों ‎फोरम संयुक्त किसान मोर्चा (गैर ‎राजनीतिक) और किसान मजदूर‎ मोर्चा से भी 6 मेंबरी कोआर्डिनेशन‎ कमेटी बनेगी। कमेटी के नाम तय हैं।‎ दोनों कमेटी की शुक्रवार को बैठक ‎होगी। किसान संघर्ष कमेटी के प्रदेश‎ नेता सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि‎ कोआर्डिनेशन कमेटी ने संपर्क किया‎ है, बातचीत हुई है। इसलिए एसकेएम, ‎केएमएम के दोनों से 6 मेंबरी‎ कोआर्डिनेशन कमेटी बना रहे हैं।

किसान आंदोलन के 18 दिनों में क्या हुआ…

13 फरवरी को सुबह 10 बजे फायरिंग : पंजाब से किसान 12 फरवरी की शाम को ही शंभू बॉर्डर पर पहुंच गए। 13 फरवरी की सुबह उन्होंने हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। रबड़ की गोलियां चलाईं। शंभू की तरह खनौरी और डबवाली बॉर्डर पर भी हालात नाजुक रहे।

14 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर बिगड़े हालात : शंभू बॉर्डर पर झड़प के बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन पर SLR से सीधी फायरिंग की। इसके बाद खनौरी बॉर्डर पर भी किसानों और पैरामिलिट्री फोर्स के बीच झड़प हुई। यहां किसानों ने जवानों के हेलमेट और लाठियां छीन लीं।

15 फरवरी को पंजाब में टोल फ्री कराए, ट्रेनें रोकीं : आंसू गैस के इस्तेमाल से नाराज पंजाब के दूसरे किसान संगठनों ने आंदोलन का समर्थन किया। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने 3 घंटे के लिए पंजाब के सभी टोल प्लाजा फ्री करवाए। भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) ने 6 जिलों में 4 घंटे ट्रेनें रोकीं।

16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद, हरियाणा में टोल फ्री : किसानों ने ग्रामीण भारत बंद बुलाया। इस दौरान पंजाब-हरियाणा में रोडवेज बसें बंद रहीं। हरियाणा में BKU (चढ़ूनी) ने 3 घंटे सारे टोल फ्री कराए। इस दिन गुरदासपुर के किसान ज्ञान सिंह की शंभू बॉर्डर पर हार्ट अटैक से मौत हो गई।

वहीं, ड्यूटी पर तैनात GRP के सब-इंस्पेक्टर हीरालाल की भी मौत हुई। इसकी वजह आंसू गैस के गोले से दम घुटना बताया गया। पुलिस पर हमले के आरोप में हरियाणा पुलिस ने किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ और उनके 5 साथियों पर FIR दर्ज की। शाम को किसान संगठनों ने शांति बनाए रखने का फैसला किया।

17 फरवरी को पंजाब में भाजपा नेताओं के घर घेरे : शंभू बॉर्डर पर दिनभर शांति रही। हरियाणा के सभी जिलों में BKU (चढ़ूनी) ने ट्रैक्टर मार्च निकाले। पंजाब में BKU (उगराहां) ने सारे टोल फ्री कराए। पंजाब BJP प्रधान सुनील जाखड़, पंजाब के पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह और बरनाल में भाजपा नेता केवल सिंह ढिल्लो के घर के बाहर धरना दिया गया।

18 फरवरी को बैठक में केंद्र ने दिया प्रपोजल : इस दिन BKU क्रांतिकारी के नेता मनजीत सिंह ने खनौरी बॉर्डर पर दम तोड़ दिया। चंडीगढ़ में देर शाम केंद्रीय मंत्रियों और किसानों की मीटिंग हुई। इसमें सरकार ने 5 फसलों- मक्की, कपास, मसूर, उड़द और तुअर को 5 साल तक MSP पर खरीदने का प्रपोजल दिया।

19 फरवरी को किसानों ने केंद्र का प्रस्ताव ठुकराया : किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत डल्लेवाल ने केंद्र सरकार के प्रपोजल को खारिज कर दिया। डल्लेवाल ने कहा कि इसका फायदा सिर्फ उन्हीं किसानों को मिलेगा जो धान-गेहूं को छोड़ेगा।

पंजाब कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू ने इसे कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की कोशिश बताया। किसान नेता पंधेर ने 21 फरवरी की सुबह 11 बजे दिल्ली कूच का ऐलान किया।

20 फरवरी को शंभू बॉर्डर पहुंचीं बड़ी-बड़ी मशीनें, एक और मौत : हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ने के लिए किसान JCB और हाइड्रोलिक क्रेन जैसी हैवी मशीनरी लेकर पहुंचे। बुलेटप्रूफ पोकलेन मशीन भी लाए। हरियाणा पुलिस के DGP शत्रुजीत कपूर ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पंजाब के DGP गौरव यादव को लेटर लिखा। टोहाना बॉर्डर पर एक SI की मौत हुई।

21 फरवरी को दिल्ली कूच की कोशिश, युवा किसान की मौत : किसानों ने दोपहर में दिल्ली कूच की कोशिश की। इससे पहले केंद्र से 5वीं वार्ता का मैसेज आया। किसान फैसला ले पाते, उससे पहले खनौरी बॉर्डर पर हिंसक झड़प हो गई, जिसमें बठिंडा के युवा किसान शुभकरण की मौत हो गई।

शंभू बॉर्डर पर आगे बढ़ने की कोशिश के वक्त हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इससे आंदोलन की अगुआई कर रहे सरवण पंधेर और जगजीत डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद दिल्ली कूच 2 दिन के लिए टाल दिया गया।

22 फरवरी को शंभू-खनौरी बॉर्डर पर शांति : शंभू और खनौरी बॉर्डर पर दिन भर शांति रही। इस दौरान किसान पंजाब सीमा में बैठे रहे। वहीं, हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स बैरिकेडिंग पर डटी रहीं।

23 फरवरी को दिल्ली कूच 29 फरवरी तक टला : युवा किसान शुभकरण के परिवार को पंजाब सरकार ने एक करोड़ और बहन को सरकारी नौकरी देने की बात कही। किसान आरोपियों पर FIR करने की मांग पर अड़े। किसान नेता पंधेर और डल्लेवाल ने कहा कि 29 फरवरी को दिल्ली कूच को लेकर रणनीति बनाई जाएगी।

24 फरवरी को कैंडल मार्च निकाला : ​​​​​शंभू और खनौरी बॉर्डर पर शाम को कैंडल मार्च निकाला गया। सरकार ने हरियाणा के 7 जिलों में मोबाइल इंटरनेट पर बैन बढ़ाया। वहीं, आंदोलन में लापता किसान प्रीतपाल के रोहतक PGI में भर्ती होने की सूचना के बाद पंजाब के चीफ सेक्रेटरी अनुराग वर्मा ने हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी संजीव कौशल को पत्र लिखा। इसके बाद किसान को चंडीगढ़ रेफर किया गया।

25 फरवरी हरियाणा में इंटरनेट सेवा पर लगी रोक हटी : 11 दिन से बंद दिल्ली के टीकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर को अस्थायी तौर पर खोला गया। हरियाणा के 7 जिलों में मोबाइल इंटरनेट पर लगी रोक हटी। अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में 11 फरवरी की सुबह 6 बजे से इंटरनेट बंद था। किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) को लेकर हुए सम्मेलन में नुकसान के बारे में बताया गया। फतेहाबाद के गांव समैन में खाप पंचायतों व कई गांवों के ग्रामीणों की महापंचायत हुई।

26 फरवरी को किसानों का ट्रैक्टर मार्च : संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन के समर्थन में ट्रैक्टर मार्च निकाला। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर WTO के पुतले फूंके गए। किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा कि अभी आंदोलन खत्म नहीं होगा। उनकी मांगें पूरी होने तक हम बॉर्डर पर बैठे रहेंगे।

27 फरवरी को एक और किसान की मौत : शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 15वें दिन किसानों का शांतिपूर्ण ढंग से धरना जारी रहा। सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि दिल्ली कूच को लेकर मीटिंग चल रही हैं, कल यानी बुधवार को इस पर फैसला लिया जाएगा। वहीं, खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन के दौरान एक और किसान पटियाला के रहने वाले करनैल सिंह (50) की मौत हो गई। अभी तक किसान आंदोलन में 8 लोग जान गंवा चुके हैं। इनमें 3 पुलिस कर्मचारी भी शामिल हैं।

28 फरवरी को दिल्ली कूच को लेकर मीटिंग : किसानों ने दिल्ली कूच को लेकर जॉइंट मीटिंग की। इसके अलावा हरियाणा पुलिस ने उपद्रव करने वालों के पासपोर्ट-वीजा रद्द करने की कार्रवाई शुरू की।

29 फरवरी को किसान शुभकरण का अंतिम संस्कार : खनौरी बॉर्डर पर मारे गए किसान शुभकरण का 9 दिन बाद अंतिम संस्कार किया गया। सबसे पहले शुभकरण का शव खनौरी बॉर्डर पर लाया गया, जहां किसानों ने श्रद्धांजलि दी। इसके बाद शव बठिंडा लाया गया, जहां अंतिम संस्कार किया गया। इसी के कारण किसानों ने दिल्ली कूच को लेकर फैसला नहीं लिया।

1 मार्च को डबवाली बॉर्डर पर भी बैठे किसान: किसान हरियाणा-पंजाब के खनौरी और शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे थे, लेकिन किसानों ने एक मार्च को ऐलान किया कि अब किसान डबवाली बॉर्डर पर भी धरना देंगे। हालांकि, किसानों ने युवा किसान शुभकरण के भोग होने तक दिल्ली कूच का फैसला टाला हुआ है।

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