साढ़े 4 साल बाद कांग्रेस में लौटी चित्रा सरवारा इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में BJP के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के सामने अंबाला कैंट सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं।
वह अभी से इसकी तैयारियों में जुट गई हैं।
चित्रा सरवारा हरियाणा में आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रदेश उपाध्यक्ष थीं लेकिन बीती 28 दिसंबर को उन्होंने अचानक पार्टी से इस्तीफा दे दिया। चित्रा के साथ उनके पिता और हरियाणा के पूर्व मंत्री निर्मल सिंह ने भी AAP छोड़ दी। 5 जनवरी को पिता-पुत्री ने नई दिल्ली में कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली।
AAP छोड़कर कांग्रेस में वापसी करने के बाद अब आगे क्या प्लानिंग है? दैनिक भास्कर ने चित्रा सरवारा से विशेष बातचीत में यह सवाल पूछा तो उन्होंने छूटते ही कहा- ‘आई लव अंबाला कैंट। मैं वहां के लोगों से प्यार करती हूं। सामने चाहे कोई भी आ जाए, मैं अंबाला कैंट से चुनाव जरूर लड़ूंगी।’
गौरतलब है कि अंबाला कैंट BJP के वरिष्ठ नेता अनिल विज की परंपरागत सीट है और वह 6 बार यहां से चुनाव जीत चुके हैं। वर्ष 2009, 2014 और 2019 में लगातार 3 चुनाव जीतने वाले विज वर्ष 1990 में स्व. सुषमा स्वराज के राज्यसभा सदस्य चुने जाने के बाद हुए उपचुनाव में पहली बार अंबाला कैंट से विधायक बने थे। 1996 और 2000 में वह इसी सीट से निर्दलीय जीते। विज वर्ष 2005 में इसी सीट से चुनाव हार गए थे और वह उनकी आखिरी चुनावी हार थी।
पढ़िए चित्रा सरवारा से हुई संक्षिप्त बातचीत…
सवाल :- आपके बाद अशोक तंवर के भी आम आदमी पार्टी छोड़ने की चर्चा है। AAP में ये भगदड़ सी क्यों मची है?
चित्रा :- देखिए, किसी भी नेता का दायित्व अपना पॉलिटिकल करियर देखने के साथ-साथ उन लोगों की तरफ भी होता है, जो सालों-साल उसके साथ चलते हैं। हर लड़ाई में उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होते हैं। अपने इलाके की चिंता करना भी नेता की जिम्मेदारी होती है। मैं समझती हूं कि कोई भी लीडर अपने साथियों और इलाके के हिसाब से फैसला लेता है।
शायद अशोक तंवर भी इसी वजह से यह फैसला लेने जा रहे हों। हालांकि मैं भगदड़ मचने जैसी बात से सहमत नहीं हूं।
वैसे शायद अशोक तंवर हमसे पहले ही आम आदमी पार्टी छोड़ने की तैयारी कर चुके थे। हालांकि हम पहले कांग्रेस में चले गए और अब हमारे चक्कर में तो वह सिर्फ बदनाम हो रहे हैं।
सवाल :- आपने आम आदमी पार्टी की जगह कांग्रेस को ही क्यों चुना?
चित्रा :- देखिए, BJP की एक पूरी मशीनरी है जो हमारे देश की संवैधानिक सोच के खिलाफ चलती है। उसकी नीतियां-नीयत ठीक नहीं है। हमने हाल के चुनाव में देखा है कि भाजपा अपनी आइडियोलॉजी के हिसाब से पूरे चुनाव का ध्रुवीकरण करती है।
BJP और उसकी सोच से टक्कर लेने के लिए एक मजबूत बैनर की जरूरत है। इस मामले में हरियाणा के अंदर कांग्रेस के मुकाबले AAP कहीं न कहीं कमजोर पड़ जाती है।
हालांकि अब आम पब्लिक भी BJP की चाल को समझ चुके हैं और एकजुट रहने की जरूरत महसूस करने लगे हैं।
सवाल :- क्या AAP में लोकल नेताओं की सुनवाई नहीं है?
चित्रा :- मैं ऐसा कुछ भी नहीं कहूंगी। आम आदमी पार्टी (AAP) का अपना वर्किंग स्टाइल है जो ट्रेडिशनल पॉलिटिकल पार्टियों से थोड़ा अलग है। उनका कल्चर कुछ लोगों को समझ आता है तो कुछ को समझ नहीं आता।
हर सिस्टम, चाहे वो नया हो या पुराना, के कुछ प्लस प्वाइंट होते हैं तो कुछ निगेटिव प्वाइंट होते हैं। इसलिए मैं यह नहीं कहूंगी कि कुछ खास प्रॉब्लम रही।
सवाल :- कांग्रेस में आपको और आपके पिता निर्मल सिंह, दोनों को विधानसभा टिकट मिलेंगे? इसका वादा आपसे किसने किया ?
चित्रा :- ऐसा वादा किसी ने नहीं किया। हालांकि संभावनाएं हमेशा रहती हैं। जिस दिन हमने कांग्रेस जॉइन की, उस दिन पार्टी के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया, हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष उदयभान सिंह और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा था कि निर्मल सिंह, उनके सभी साथियों और उनके इलाके का मान-सम्मान बनाए रखना सुनिश्चित करेंगे। उस दिन हमें इसी बात का भरोसा दिलाया गया।
सवाल :- मान-सम्मान के साथ क्या स्थान का भी कोई भरोसा मिला?
चित्रा :- नहीं, ऐसी कोई बात नहीं हुई। हालांकि जैसे-जैसे कांग्रेस पार्टी का संगठन बनेगा, मैं समझती हूं कि हमारे लायक भी जगह जरूर निकलेगी। जहां हम अच्छी परफॉर्मेंस देंगे, वो स्थान हमें मिल जाएगा।
सवाल :- आप व्यक्तिगत तौर पर BJP के अनिल विज के सामने अंबाला कैंट से चुनाव लड़ना चाहेंगी या अंबाला सिटी से BJP के विधायक असीम गोयल के सामने?
चित्रा :- (हंसते हुए) आई लव अंबाला कैंट। जो भी हो, मैं अंबाला कैंट के पक्ष में चुनाव लडूंगी, फिर सामने चाहे कोई भी हो।
दैनिक भास्कर से बात करतीं कांग्रेस नेत्री चित्रा सरवारा।
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हरियाणा के पूर्व मंत्री निर्मल सिंह बेटी चित्रा सरवारा समेत कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। उन्हें पार्टी में शामिल करने की खिचड़ी 8 महीने से पक रही थी, लेकिन पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को रणदीप सुरजेवाला और कुमारी सैलजा का दिल्ली हाईकमान में कमजोर होने का इंतजार था।
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हरियाणा के पूर्व मंत्री निर्मल सिंह और उनकी बेटी चित्रा सरवारा ने 5 जनवरी को नई दिल्ली में दिग्गज नेताओं की उपस्थिति में कांग्रेस पार्टी का दोबारा दामन थामा था। बाप-बेटी को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान, प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा व राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने पार्टी जॉइन कराई थी।