हरियाणा के करनाल के युवक की अमेरिका में हार्ट अटैक से मौत हो गई। वह अगस्त 2022 में 30 लाख रुपए लगाकर डोंकी के रास्ते कैलिफोर्निया गया था। वहां वह स्टोर कीपर की जॉब कर रहा था।

4 दिन पहले उसे हार्ट अटैक आया था। इसके बाद से वह अस्पताल में भर्ती था। मृतक व्यक्ति की पहचान संजय (36) निवासी नरूखेड़ी के रूप में हुई है।
गुरुवार रात को उसने मां, पत्नी और बच्चों से फोन पर बात की थी। उसने कहा था कि वह बिल्कुल ठीक है और जल्दी ठीक हो जाऊंगा। उसके 6 घंटे बाद शुक्रवार अलसुबह उसकी मौत हो गई। परिवार ने शव भारत लाने की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि इसमें 50 से 60 लाख रुपए खर्च होंगे, परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। 30 लाख कर्ज लेकर उसे भेजा गया था।

संजय के मौत की सूचना मिलने के बाद लोग उनके घर पर पहुंच रहे हैं।
2022 में डोंकी से अमेरिका गया था संजय
मृतक के चचेरे भाई जितेंद्र ने बताया कि संजय 2022 के अगस्त महीने में ही अमेरिका चला गया था। डोंकी के रास्ते उसे वहां पहुंचने में करीब 8 से 9 महीने का समय लगा। इस दौरान बॉर्डर से करीब 2-3 बार वापस आ चुका था। इसके बाद किसी तरह से वह अमेरिका में दाखिल हो गया। उसके बाद अमेरिका में उसे डेढ़ से दो महीने तक काम ही नहीं मिला था।
बाद में उसे काम मिला और स्टोर पर काम करने लगा। उसे उम्मीद थी कि उसका कर्ज भी उतर जाएगा और घर के हालात भी सुधर जाएंगे, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। उसे पहले भी हार्ट अटैक आया था। तब उसे साथियों ने अस्पताल में भर्ती करवाया। वह ठीक तो हो गया था, लेकिन उसके बाद से ही वह बीमार रहने लगा था। ढंग से काम भी नहीं कर पा रहा था।

अपने दोनों बच्चों के साथ संजय की फाइल फोटो।
फिर आया अटैक
जितेंद्र ने बताया कि 11 जनवरी को उसे फिर अटैक आया। चचेरे भाई रजनीश व अन्य साथियों ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया। 11 जनवरी को संजय ने यहां अपने घर पर फोन से बात भी की थी। अमेरिका में दिन था और यहां पर रात के 10 बजे थे, उसने खुद को ठीक बताया था, लेकिन उसके बाद रात को 3 बजे परिवार को संजय की मौत की सूचना मिली।
दो बच्चों का पिता था संजय
संजय की शादी करीब 13 साल पहले हुई थी। उसके बाद उसे दो बेटे हुए। जिसमें एक की उम्र करीब 12 साल है और दूसरे की करीब 9 साल है। मौत की सूचना के बाद पूरा परिवार बिलख बिलख कर रो रहा है। संजय का एक छोटा भाई भी है, जो गांव में ही मजदूरी का काम करता है।
25 साल पहले पिता की हो चुकी मौत
जितेंद्र ने बताया कि संजय के पिता की करीब 25 साल पहले डेथ हो गई थी, वे एक वीएलडीए डॉक्टर थे। उनकी मौत के बाद संजय की मां को जॉब मिल गई थी, अब वह भी रिटायर होने वाली है। मां ने भी कर्ज उठाकर अपने बेटे को अमेरिका भेजा था, लेकिन संजय के साथ ऐसा कुछ होगा, उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था। अब अमेरिका से संजय के शव को लेकर आना है।

अपने छोटे बेटे के साथ संजय की फाइल फोटो।
शव को भारत लाने की लगाई गुहार
मृतक संजय के परिजनों ने सरकार व प्रशासन से शव को भारत लाने की गुहार लगाई। क्योंकि परिवार के पास इतने पैसे नहीं हैं, जिससे वह शव को इंडिया ला सकें। जो कर्ज लेकर संजय अमेरिका गया था अब तक तो वह भी नहीं उतर पाया। जिसके चलते परिवार के पास उसके शव को भारत लाने के लिए पैसे नहीं है।
परिजनों की शासन-प्रशासन से गुहार है कि संजय का शव वापस आ जाएगा तो उसके दो छोटे-छोटे बेटे और पत्नी गांव में हिंदू रीति-रिवाज से उसका अंतिम संस्कार कर सकेंगे।