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- Molestation With Student In IIT BHU Campus, CCTV Cameras Were Not Installed At The Spot, Accused Not Identified Yet
6 घंटे पहले
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IIT BHU कैंपस में 1 नवंबर की देर रात फीमेल स्टूडेंट के साथ छेड़छाड़ और अटेम्प्ट टू रेप का मामला सामने आया है जिसके बाद से हजारों स्टूडेंट्स कैंपस में प्रोटेस्ट कर रहे हैं। देर रात छात्रा अपने दोस्त के साथ कैंपस में वॉक कर रही थी। उसी वक्त तीन युवकों ने दोनों को अलग किया और छात्रा को एक कोने में ले जाकर उसके साथ अश्लील हरकतें की।
घटना के बाद तीन अज्ञात युवकों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। वहीं दूसरी ओर कैंपस में हजारों स्टूडेंट्स अपनी सिक्योरिटी को लेकर धरना दे रहे हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि छेड़छाड़ की ये कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी ये होता आया है। स्टूडेंट्स ने कई बार कॉलेज प्रशासन से सिक्योरिटी बेहतर करने की मांग की। कई बार इसके लिए धरना भी दिया गया। मगर प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
IIT BHU कैंपस में छात्रा के साथ छेड़छाड़ के बाद धरने पर बैठे स्टूडेंट्स।
‘कैंपस में कई डार्क स्पॉट्स, CCTV काम नहीं करते’
कैंपस में प्रोटेस्ट कर रहे स्टूडेंट्स का कहना है कि छात्रा की FIR तो दर्ज कर ली गई है, मगर पुलिस दोषियों को ढूंढने के बजाए प्रोटेस्ट कर रहे स्टूडेंट्स को मैनेज करने में व्यस्त है। स्टूडेंट्स ने कहा कि पुलिसवाले धरनास्थल पर आकर उन्हें लगातार धमका रहे हैं, कहते हैं कि साल बर्बाद कर देंगे।
इसके बावजूद स्टूडेंट्स सिक्योरिटी को लेकर अपनी मांगों पर अड़े हैं। BHU के IMS डिपार्टमेंट के Phd. स्कॉलर रौशन पांडे ने कहा कि कैंपस में आधे से ज्यादा CCTV काम ही नहीं करते। पैट्रोलिंग गार्ड है, हर चौराहे पर पैट्रोलिंग कार रहती है। मगर फिर भी आए दिन छेड़छाड़ और चोरी की घटना होती है।
IIT BHU के रिसर्च स्कॉलर दिवाकर सिंह ने कहा कि कैंपस में बहुत से ऐसे डार्क स्पॉट्स हैं जहां न तो स्ट्रीट लाइट लगी है और न ही वहां CCTV कैमरा है। जो CCTV लगे है उनमें भी 40% ही काम करते हैं। इसके अलावा पेट्रोलिंग गार्ड्स स्टूडेंट्स को चेक करते हैं लेकिन बाहर से आने वाले लोगों की कोई मॉनिटरिंग नहीं होती। साथ ही बाहर के लोगों के लिए कैंपस में आने-जाने को लेकर कोई रेस्ट्रिक्शन नहीं है। पिछले 2 से 3 महीने में छेड़छाड़ का ये तीसरा-चौथा मामला है। कुछ दिन पहले भी कुछ स्टूडेंट्स प्रोक्टर ऑफिस के सामने धरने पर बैठे थे। लगातार स्टूडेंट्स की बाइक्स चोरी हो रही हैं। हर बार प्रशासन अश्वासन देता है मगर ठोस कदम नहीं लिया जाता।
स्टूडेंट्स की मांग- कैमरा पर आकर वादें करें डायरेक्टर
धरना दे रहे स्टूडेंट्स की मांग है कि यूनिवर्सिटी के डायरेक्ट्र बंद कमरों की बजाए बाहर आकर सबके सामने बात करें। उनका कहना है कि पिछले दिनों इस तरह के मामले सामने आने पर प्रोटेस्ट के बाद डायरेक्टर बंद कमरों में बात करते रहे। 20 CCTV का वादा करके सिर्फ 1 CCTV लगवाने जैसे काम किए। ऐसे में अब वो तब तक प्रोटेस्ट करते रहेंगे जब तक कि डायरेक्टर ऑफिस से बाहर आकर स्टूडेंट्स से ‘ऑन कैमरा’ बात नहीं करते।
कैंपस के अंदर पहले भी कई बार हो चुकी हैं छेड़छाड़ की घटनाएं।
कैंपस में नहीं हैं पर्याप्त CCTV कैमरा
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की चीफ प्रोक्टर एस पी सिंह ने कहा कि जहां घटना घटी, वो फार्म साइड का एक विराना इलाका है। वहां CCTV कैमरा नहीं लगे हैं। कैंपस में हर जगह CCTV कैमरा लगाना पॉसिबल नहीं है। इसके अलावा प्रोक्टर ने कहा कि यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स की सिक्योरिटी को लेकर सजग है और समय-समय पर कई कदम उठाती रहती है। जगह-जगह CCTV लगवाएं गए हैं। ग्राउंड पैट्रोलिंग टीम 24 घंटे निगरानी रखती है। उन्हें फोर और चू व्हीलर भी अलॉट किए गए हैं। हॉस्टल गार्ड्स को गेट के बाहर खड़े रहने के निर्देश हैं। डार्क जोन्स को समय-समय पर आइडेंटिफाई कराया जाता है। हॉस्पिटल में भी संदिग्ध लोगों पर निगरानी रखी जाती है। टाइम टू टाइम निरीक्षण किया जाता है। डार्क स्पॉट या लूपहोल मिलने पर उसे सही करने की ओर कदम भी उठाए जाते हैं।
स्टूडेंट्स के प्रोटेस्ट को लेकर चीफ प्रोक्टर ने कहा कि यूनिवर्सिटी डायरेक्टर ने 10 स्टूडेंट रिप्रेसेंटेटिव्स से बात की है। स्टूडेंट्स ने सिक्योरिटी को लेकर अपने सुझाव रखे हैं। उनकी मांगों की ओर विचार किया जा रहा है। हालांकि, स्टूडेंट्स का प्रोटेस्ट अब भी जारी है।
विक्टिम की जुबानी जानें क्या है पूरा मामला
‘मैं IIT BHU के हॉस्टल में रहती हूं। 2 नवंबर को रात करीब डेढ़ बजे मैं अपने हॉस्टल से वॉक के लिए निकली। वॉक करते करते जब गांधी स्मृति हॉस्टल के पास पहुंची तो एक दोस्त मिल गया। हम साथ वॉक करने लगे। हम कर्बन बाबा मंदिर के करीब 300-400 मीटर दूर ही थे जब एक बाईक आई पीछे से। उसपर तीन लोग बैठे हुए थे। उन्होंने हमारे पास बाईक रोक दी और बाईक से उतर गए। जबरन हम दोनों को अलग कर दिया। उनमें से एक लड़के ने हाथ से मेरा मुंह बंद कर दिया और मुझे एक कोने में ले गए। जबरदस्ती मुझे किस किया और मेरे सारे कपड़े निकालकर फोटो और वीडियो बनाने लगे। मैंने विरोध किया, चिल्ला भी रही थी, तो उन्होंने धमकी दी। कहा कि तुम्हें जान से मार देंगे। ये सब करीब 15 मिनट तक चलता रहा। फिर पता नहीं उनके दिमाग में क्या आया। उन्होंने मुझे छोड़ दिया। मैं जान बची समझकर हॉस्टल की ओर दौड़ पड़ी। फिर देखा कि वो बाइक से मेरा पीछा कर रहे हैं। मैं बहुत डर गई। सोचा कि पता नहीं अब क्या करेंगे मेरे साथ। तब सामने एक प्रोफेसर का घर दिखा और मैं वहां दौड़ गई। हड़बड़ाहट में गेट खटखटाया और प्रोफेसर से हेल्प मांगी। कुछ 20 मिनट मैं वहीं खड़ी रही और फिर प्रोफेसर ने मुझे मेरे हॉस्टल छुड़वाया।’
प्रोटेस्ट के बाद सर्कुलर जारी, रात 10 से सुबह 5 बजे तक कैंपस में नो एंट्री
स्टूडेंट्स के प्रोटेस्ट के बाद IIT-BHU के डायरेक्टर ऑफिस से सर्कुलर जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि कर्मचारियों और छात्रों के लिए परिसर में सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए संस्थान में सभी बैरिकेड्स अब रात 10 से सुबह 5 बजे तक बंद रहेंगे।
पोस्ट पर मौजूद गार्ड वाहनों का परिचय जानकर अंदर आने की अनुमति दे सकता है। इसके अलावा जिनके पास BHU स्टीकर या IIT-BHU का स्टीकर या ID होगा, उन्हीं को कैंपस में प्रवेश मिलेगा। यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू किया जाता है।
2017 में छात्राओं पर पुलिस ने बरसाईं थी लाठियां
साल 2017 में BHU के महिला महाविद्यालय की एक छात्रा के साथ शाम 6 बजे के आसपास बाइक सवारों ने छोड़छाड़ की थी। हॉस्टल पहुंचने पर छात्रा ने जब वॉर्डन से शिकायत की तो वॉर्डन ने उल्टा छात्रा के ही देर रात बाहर रहने पर सवाल उठाए। उस वक्त कई छात्राओं ने सिक्योरिटी और सेफ्टी को लेकर प्रोटेस्ट किया था। प्रोटेस्ट की तीसरी रात पुलिस ने छात्राओं पर लाठी चार्ज किया था। इसमें कई छात्राओं को चोट भी आई थी। पुलिस का कहना था कि छात्राओं ने पहले उनपर पत्थर फेंके, तब पुलिस ने लाठीचार्ज किया। वहीं छात्राओं ने कहा कि कैंपस में घुसे बाहरी लोगों ने पुलिस के साथ बदसलूकी की थी।
इसके बाद स्टूडेंट्स ने ह़ॉस्टल्स से BHU के लंका गेट तक एक साइलेंट मार्च निकाला था। इसमें छात्र-छात्राएं सभी शामिल थे। मगर इस साइलेंट मार्च को भी पुलिस ने बलपूर्वक खदेड़ दिया था। छात्राओं की मांग थी कि कैंपस में जगह-जगह CCTV कैमरा हों, स्ट्रीट लाइट लगाई जाएं और गार्ड्स, फैकल्टी और यूनिवर्सिटी के दूसरे स्टाफ को जेंडर की ओर सेंसिटाइज किया जाए।
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