Friday , 1 August 2025
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Afghanistan Taliban Mullah Hibatullah Akhundzada Farman Controversy | तालिबान अवैध संबंध पर पत्थर मारकर सजा देगा: महिलाओं को सरेआम कोड़े भी मारे जाएंगे, कहा- हम देश में शारिया लागू करके रहेंगे

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काबुल16 मिनट पहले

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2021 में सत्ता में वापसी के बाद से तालिबान हुकुमत ने महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां लगाई हैं। - Dainik Bhaskar

2021 में सत्ता में वापसी के बाद से तालिबान हुकुमत ने महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां लगाई हैं।

अफगानिस्तान में तालिबानी हुकुमत के सुप्रीम लीडर मुल्ला हिबातुल्लाह अखुंदजादा ने महिलाओं के खिलाफ एक नया फरमान जारी किया है। इसके मुताबिक, जो भी महिला अडल्ट्री (पति के अलावा दूसरे पुरुष से संबंध बनाना) मामले में दोषी हुई, उसकी पत्थरों से मार-मारकर हत्या कर दी जाएगी।

एक ऑडियो मैसेज में अखंदजादा ने पश्चिमी देशों के लोकतंत्र को चुनौती देते हुए इस्लामिक कानून शरिया को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा- आप कहते हैं कि यह महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन है जब हम उन्हें पत्थर मारकर मार देते हैं। लेकिन जल्द ही एडल्ट्री के लिए यह सजा लागू की जाएगी। दोषी महिलाओं को सबके सामने सरेआम कोड़े और पत्थर मारे जाएंगे।

तालिबानी लीडर ने कहा- महिलाओं के अधिकार शरिया के खिलाफ
अखुंदजादा ने कहा- क्या महिलाएं वो अधिकार चाहती हैं जिनकी बात पश्चिमी देश कर रहे हैं? ऐसे सभी अधिकार शरिया और मौलवियों की राय के खिलाफ हैं। वही मौलवी जिन्होंने पश्चिमी लोकतंत्र को उखाड़ फेंका। हमने पश्चिमी लोगों के खिलाफ 20 साल तक लड़ाई लड़ी और जरूरत पड़ी तो हम अगले 20 सालों तक भी लड़ाई लड़ते रहेंगे।

तालिबानी नेता ने आगे कहा- जब हमने काबुल पर दोबारा कब्जा किया था तब हमारा काम खत्म नहीं हुआ था। हम चुपचाप बैठकर चाय नहीं पीएंगे। हम अफगानिस्तान में शरिया वापस लाकर रहेंगे।

तालिबान ने खत्म किए महिलाओं के अधिकार
अफगानिस्तान में सत्ता में आने के बाद तालिबान ने आश्वासन दिया था कि वो महिलाओं के अधिकारों का हनन नहीं करेगा। उसके बावजूद वहां लगातार इनके अधिकारों को कम किया जा रहा है। पहले लड़कियों की मिडिल और हाई स्कूल की पढ़ाई पर प्रतिबंध लगाया गया। फिर उनकी यूनिवर्सिटी एजुकेशन पर रोक लगी।

ज्यादातर रोजगारों से महिलाओं को निकाल दिया गया या फिर उनके परिवार के ही किसी पुरुष को उनकी जगह रख लिया गया। अफगानिस्तान में महिलाओं के ब्यूटी पार्लर जाने और स्पोर्ट्स खेलने जैसे कई कामों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

अफगानिस्तान में लड़कियों को यूनिवर्सिटी में घुसने से रोक दिया था
अफगानिस्तान में तालिबान की क्रूरता लगातार बढ़ती जा रही है। तालिबान ने पिछले साल कई लड़कियों को बाल्ख इलाके में यूनिवर्सिटी में घुसने से इसलिए रोक दिया था क्योंकि उन्होंने ठीक से अपना मुंह नहीं ढका हुआ था। इस बीच यूनाइटेड नेशंस के एक एक्सपर्ट ने कहा था कि अफगानिस्तान में लगातार महिलाओं के अधिकारों को कुचला जा रहा है। इसकी इंटरनेशनल कानूनों के तहत जांच की जानी चाहिए।

क्या है अफगानिस्तान का शरिया कानून
तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद कहा था कि देश में शरिया कानून लागू होगा। दरअसल, शरिया इस्लाम को मानने वाले लोगों के लिए एक लीगल सिस्टम की तरह है। कई इस्लामी देशों में इसका इस्तेमाल होता है। हालांकि, पाकिस्तान समेत ज्यादातर इस्लामी देशों में यह पूरी तरह लागू नहीं है। इसमें रोजमर्रा की जिंदगी से लेकर कई तरह के बड़े मसलों पर कानून हैं।

शरिया में पारिवारिक, वित्त और व्यवसाय से जुड़े कानून शामिल हैं। शराब पीना, नशीली दवाओं का इस्तेमाल करना या तस्करी, शरिया कानून के तहत बड़े अपराधों में से एक है। यही वजह है कि इन अपराधों में कड़ी सजा के नियम हैं।

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