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हरियाणा में पूर्व महिला सांसद ने BJP छोड़ी:हुड्‌डा ने कांग्रेस में शामिल किया; सैनी के CM बनने पर कुरूक्षेत्र से मांगी थी टिकट

हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस ने भाजपा को बड़ा झटका दिया है। कुरूक्षेत्र की सांसद रह चुकी कैलाशो सैनी ने भाजपा को छोड़कर कांग्रेस जॉइन कर ली है। कैलाशो सैनी को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने चार साल बाद घर वापसी कराई।

कैलाशो, नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से टिकट की मांग कर रही थी, लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट ने देकर उद्योगपति नवीन जिंदल को यहां से चुनाव मैदान में उतारा है। इससे वह काफी नाराज चल रही थीं, पिछले कुछ दिनों से वह पार्टी प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में भी नहीं दिखाई दे रही थीं।

उनके अलावा कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से भाजपा की टिकट लेने की दौड़ लगाने वालों में सैनी समाज भवन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह सैनी, पूर्व विधायक पवन सैनी का भी नाम शामिल था।

रोहतक में मीडिया से बात करते भूपेंद्र हुड्‌डा और पूर्व सांसद कैलाशो देवी।

रोहतक में मीडिया से बात करते भूपेंद्र हुड्‌डा और पूर्व सांसद कैलाशो देवी।

BJP संविधान बदलना चाहती है, इसलिए किनारा किया
कांग्रेस में शामिल होने के बाद कैलाशो सैनी ने कहा है कि लोकसभा और आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत पक्की है। BJP संविधान को बदलना चाहती है, इसलिए उन्होंने भाजपा से किनारा कर लिया।

उन्होंने कहा कि दलित पिछड़ों के आरक्षण को भाजपा खत्म करना चाहती है। BJP के पास चुनाव लड़वाने के लिए उम्मीदवार तक नहीं हैं। जनता ही नहीं खुद BJP के नेता व कार्यकर्ता भी इस सरकार से संतुष्ट नहीं हैं।

4 साल पहले कुरुक्षेत्र की पूर्व सांसद कैलाशो सैनी को उस समय भाजपा के अध्यक्ष रहते हुए सुभाष बराला ने सदस्यता दिलाई थी।

4 साल पहले कुरुक्षेत्र की पूर्व सांसद कैलाशो सैनी को उस समय भाजपा के अध्यक्ष रहते हुए सुभाष बराला ने सदस्यता दिलाई थी।

दो बार रह चुकी हैं सांसद
प्रोफेसर कैलाशो सैनी 2 बार कुरूक्षेत्र से सांसद रही हैं। 1998 और 1999 में इनेलो के टिकट पर सांसद चुनी गईं। कुरूक्षेत्र के गांव प्रतापगढ़ निवासी कैलाशो सैनी ही एकमात्र ऐसी सांसद हैं जो कुरूक्षेत्र की निवासी हैं। आमतौर पर इस सीट पर बाहरी उम्मीदवार ही जीत हासिल करते रहे हैं।

हरियाणा में जब इनेलो का ग्राफ गिरने लगा तो उन्होंने चार साल पहले कांग्रेस का दामन थाम लिया था। कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने लाडवा से दो बार विधानसभा चुनाव लड़ा, मगर सफलता नहीं मिली। उसके बाद भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई थी।

नवीन जिंदल और ओपी जिंदल।

नवीन जिंदल और ओपी जिंदल।

नवीन जिंदल के पिता को भी हरा चुकी कैलाशो
कांग्रेस में भाजपा छोड़कर आई कैलाशो सैनी उद्योगपति ओपी जिंदल को भी चुनाव हरा चुकी हैं। उन्होंने 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में INLD की टिकट से ओपी जिंदल को चुनाव हराया था। इस बार भाजपा ने ओपी जिंदल के बेटे नवीन जिंदल को चुनाव मैदान में उतारा है। इसके अलावा 1998 में भी उन्होंने इनेलो की टिकट से भाजपा के ब्राह्मण चेहरा कुलदीप शर्मा को चुनाव हरा चुकी हैं।

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